अजीत जोगी बोले टीएस सिहंदेव माफ़ी मांगे, नहीं तो अपने सम्मान की रक्षा के लिये न्यायालय जाऊंगा: जानिए मामला

रायपुर:

पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की जाति पर उबल रही सियासत में रोज़ नई बातों का इजाफा हो रहा है. कल प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिहंदेव ने जोगी के पिता की जाती के बारे में बयान दिया था तो वहीँ आज प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल ने कहा की इस मामले से उनका व्यक्तिगत कोई लेना देना नहीं है. इसी तारतम्य में अजीत जोगी भी कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. आज जोगी ने टीएस सिहंदेव को पत्र लिखकर कल के बयान का खंडन करने कहा है.

दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के सुप्रीमो अजीत जोगी ने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिहंदेव को जाति मामले में दिए बयान को लेकर चिट्ठी लिखी है. उन्होंने कहा कि मैं अत्यन्त दुख एवं आश्चर्य के साथ यह पत्र लिख रहा हूं. समाचार पत्रों और टी. व्ही. के माध्यम से आपने यह बयान दिया है कि मेरे पिता सतनामी जाति के थे. वास्तव में मेरे पिता एवं पूर्वज मूढ़ी गोत्र के कंवर जाति के आदिवासी थे. न तो किसी दस्तावेज में और न किसी भू अभिलेखों में और न ही वर्तमान छानबीन समिति के समक्ष आये साक्ष्य में कहीं भी मेरे पिता का सतनामी जाति होने का उल्लेख है. लगता है कि बेबुनियाद अफवाहों के आधार पर आपने ऐसा कहा है. मेरे आपसे पारिवारिक एवं व्यक्तिगत संबंध अच्छे हैं. अतः मैं चाहूंगा कि आप गलती स्वीकार करके इसका खंडन करें.

यदि ऐसा नहीं होता है तो हमारे अच्छे पारिवारिक एवं व्यक्तिगत संबंधों के बावजूद अपने सम्मान की रक्षा के लिये न्यायालय में आई.पी.सी. धारा 497 और 500 के अंतर्गत अवमानना का प्रकरण दायर करना होगा. जिसमें जेल की सजा का प्रावधान है. एक सप्ताह व्यतीत होने के बाद ही मैं यह कार्यवाही करूंगा.

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