असिंचित भूमि को सिंचित दर्शाते हुए किया बीमा क्लेम, उपभोक्ता फोरम ने सेवा सहकारी समिति और जिला सहकारी बैंक पर लगाया हर्जाना

रमेश गुप्ता
भिलाई: दुर्ग जिले के पाटन ब्लॉक में स्थित ग्राम बोरवाय तथा ग्राम औंरी के नौ अलग-अलग परिवादियों ने प्राथमिक सोसायटी, जिला सहकारी बैंक और बीमा कंपनी के विरुद्ध जिला उपभोक्ता फोरम में यह शिकायत की थी। वर्ष 2015 में खरीफ फसल हेतु राष्ट्रीय फसल बीमा योजना के तहत उनकी धान फसल को असिंचित की बजाय सिंचित श्रेणी में दर्शाते हुए बीमा कराया गया था, इस कारण उन्हें फसल बीमा का लाभ नहीं मिला। इनमें से सात परिवादियों की शिकायत को जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष लवकेश प्रताप सिंह बघेल, सदस्य राजेन्द्र पाध्ये व लता चंद्राकर ने प्रमाणित पाते हुए उनका परिवाद स्वीकार किया और उन सात प्रकरणों में सेवा सहकारी समिति और जिला सहकारी बैंक पर 253436 रुपये हर्जाना लगाया जबकि 2 परिवादियों की शिकायत प्रमाणित नहीं होने से उनका प्रकरण खारिज किया गया।

अनावेदकगण का जवाब

प्राथमिक सेवा सहकारी समिति जामगांव आर ने फोरम में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि समिति हितग्राही को अल्पकालिक ऋण के रूप में बीज व दवाई प्रदान करती है, ऋणी किसानों के खाते से फसल बीमा प्रीमियम राशि काटने का दायित्व एवं अधिकार केवल जिला सहकारी बैंक को है इसलिए सेवा सहकारी समिति जिम्मेदार नहीं है।
जिला सहकारी बैंक ने दलील दी कि यदि सेवा सहकारी समिति द्वारा फसल का नाम धान असिंचित के स्थान पर सिंचित लिख दिया गया हो तो ऐसी स्थिति में संबंधित संस्था ही परिवादी को हुए नुकसान के लिए जवाबदार है।
बीमा कंपनी ने यह तर्क दिया कि राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना की शर्त और अधिसूचना के अनुसार यदि प्रीमियम काटने में किसी प्रकार की गलती अथवा त्रुटि की जाती है और इस कारण किसान लाभ से वंचित रहता है तो संबंधित वित्तीय संस्था को ही किसान की हानियों की भरपाई करना है, इसीलिए बीमा कंपनी जिम्मेदार नहीं है बल्कि त्रुटि करने वाली संस्था जिम्मेदार है।

फोरम का फैसला

प्रकरण में पेश दस्तावेजों एवं प्रमाणों के आधार पर जिला उपभोक्ता फोरम अध्यक्ष लवकेश प्रताप सिंह बघेल, सदस्य राजेन्द्र पाध्ये और लता चंद्राकर ने सात प्रकरणों में यह प्रमाणित पाया कि परिवादियों की कृषि भूमि असिंचित श्रेणी में आती है जबकि सेवा सहकारी समिति और जिला सहकारी बैंक ने उसे सिंचित श्रेणी में शामिल करते हुए बीमा करवा दिया। फोरम ने कहा कि प्रीमियम कटौती संबंधी गलती चूँकि समिति और बैंक द्वारा की गई है इसीलिए बीमा योजना के नियमानुसार परिवादी ग्राहक को पहुंची क्षति की भरपाई के लिए समिति और बैंक ही उत्तरदायी हैं। फोरम ने बीमा कंपनी को दायित्व से उन्मुक्त कर दिया।

जिला उपभोक्ता फोरम के जिला उपभोक्ता फोरम अध्यक्ष लवकेश प्रताप सिंह बघेल, सदस्य राजेन्द्र पाध्ये और लता चंद्राकर ने सेवा में निम्नता के लिए सेवा सहकारी समिति जामगांव आर एवं जिला सहकारी बैंक दुर्ग पर 2 लाख 53 हजार 4 सौ 36 रुपये हर्जाना लगाते हुए सात परिवादियों को अनुतोष अदा करने का आदेश पारित किया, जो निम्नानुसार है :-

नाम, पता- बीमा राशि + मानसिक क्षति + वाद व्यय = कुल हर्जाना
1. जामवंती चंद्राकर बोरवाय,- 31811 + 5000 + 1000 = 37811
2. युधिष्ठिर चंद्राकर बोरवाय,- 35331 + 5000 + 1000 = 41331
3. विजय चंद्राकर बोरवाय,- 14141 + 5000 + 1000 = 20141
4. युवराज चंद्राकर बोरवाय,- 20292 + 5000 + 1000 = 26292
5. कृष्णा कुमार साहू बोरवाय,- 38210 + 5000 + 1000 = 44210
6. सोहनलाल चंद्राकर औंरी,- 24708 + 5000 + 1000 = 30708
7. मुकुंदलाल चंद्राकर औंरी,- 46943 + 5000 + 1000 = 52943

साथ ही बीमा राशि पर 6% वार्षिक दर से ब्याज भी देने का आदेश दिया गया है। बोरवाय निवासी दो परिवादी ओंकार प्रसाद साहू एवं गणेशिया बाई साहू का परिवाद प्रमाणित नहीं होने से खारिज किया गया।

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