गरियाबंद : 28 बंधक श्रमिकों और 5 बच्चों को छुड़ाया गया तेलंगाना से

फारूक मेमन
गरियाबंद।
जिला में लगातार रोजगार की कमी के चलते गरियाबंद जिला के श्रमिक आज भी रोजगार के लिए अन्य प्रदेशों में पलायन करने के लिए मजबूर है, वहां उनके शोषण की खबरें भी आती हैं। इसी कड़ी में एक और मामला सामने आया, जब एक श्रमिक वहां से भागकर गरियाबंद पहुंच अपनी फरियाद जिला प्रशासन से की। तब जाकर कहीं जिला प्रशासन जागा और उन्हें छुड़ाने हेतु प्रयास में जुटा।


बीते दिनों गरियाबंद जिला के हाथबाय एवं डुमर बहरा के तेलंगाना के पैदा पल्ली गांव में ईट भट्टा में काम करने के लिए जिले से पलायन किये गए 28 श्रमिक और 5 बच्चों को जिला प्रशासन द्वारा वापस लाया गया है। तेलंगाना राज्य के  जिला पेद्दापल्ली एवं तमिलनाडु के जिला-सेलम मे काम करने गए मजदूरों को बंधक बनाकर काम कराया जा रहा था। उनके सुरक्षित वापसी के लिए कलेक्टर श्याम धावड़े द्वारा श्रम विभाग, पुलिस विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, जिला बाल संरक्षण इकाई तथा पंचायत सचिव की संयुक्त जिला स्तरीय टीम का गठन किया गया था।

गठित टीम 1 जनवरी को रवाना हुई। संयुक्त टीम द्वारा ईट भठ्ठा पेद्दापल्ली मे रेस्क्यू किया गया जहां से 21 मजदूर काम करते पाये गए उनके साथ 05 बच्चे भी थे। ये श्रमिक जिला गरियाबंद के ग्राम डुमरबाहरा एवं दांतबाय के रहने वाले थे। जिन्हे विमुक्त कराया गया। दरअसल स्थिति यह हो गई है कि प्रतिवर्ष इंदा गांव पीपरछेडी मैनपुर क्षेत्र से लगातार लोग काम की तलाश में तमिलनाडु के ईटा भट्टी में काम करने जा रहे हैं ज्यादा अच्छा होता प्रशासन इन सभी के लिए स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध करा देती जिससे ऐसे लोगों को रोजगार की तलाश में दूसरा प्रदेश जाना नहीं पड़ता साथ ही इन ग्रामीणों को ढग कर ले जाने वाले ठेकेदार या दलालों पर भी सख्त कार्यवाही करने की आवश्यकता है।

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