गांधी की 150 वी जंयती के अवसर पर महिलाओं और बच्चों को सीएम ने अपने हाथों से खाना भी परोसा, 5 नई बड़ी योजनाओं की शुरुआत

रायपुर:

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150 वी जंयती के अवसर पर 5 नई बड़ी योजनाओं की शुरुआत की है. मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान योजना, मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालय योजना, मुख्यमंत्री सार्वभौम पीडीएस योजना, मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना, मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना की शुरुआत की है. मुख्यमंत्री ने सभी योजनाओं के हितग्राहियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बातचीत भी की. उसके बाद मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के लिए सीएम भूपेश ने अपनी ओर से 25 हजार रुपये देने की घोषणा की है. वहां मौजूद महिलाओं और बच्चों को सीएम ने अपने हाथों से खाना भी परोसा.

मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान

छत्तीसगढ़ में लगभग 40 प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा के नीचे निवास करती है। इतनी बड़ी आबादी को स्वस्थ और निरोग रखने के लिए जरूरी है कि उन्हें भोजन में सभी प्रकार के पोषक तत्व मिले। सिर्फ सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत मिलने वाला चावल पर्याप्त नहीं है। पेट भर जाने से ही किसी का शारीरिक और मानसिक विकास भली भांति हो जाए यह संभव नहीं है।

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे के अनुसार आज छत्तीसगढ़ में पांच वर्ष से कम आयु के 37.6 प्रतिशत बच्चे कुपोषित हैं और 15 से 49 वर्ष की 41.5 प्रतिशत महिलाएं एनिमिया से पीड़ित हैं। विकास के मायने का लाभ तभी मिल सकेगा जब छत्तीसगढ़ के लोग शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ हों, उनका योगदान देश की अर्थ व्यवस्था में मिल सके। बस्तर सहित प्रदेश के वनांचल की कुछ ग्राम पंचायतों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में सुपोषण अभियान बीते जून माह से प्रारंभ किया गया। जिसके तहत पंचायतों और महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से कुपोषित बच्चों और एनीमिक महिलाओं को गर्म और पौष्टिक भोजन प्रतिदिन उपलब्ध कराया जा रहा है। इस पहल का बहुत ही अच्छा प्रतिसाद मिला जिसे देखते हुए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती से पूरे प्रदेश में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान शुरू किया जा रहा है। इस अभियान के तहत आगामी तीन वर्ष में प्रदेश को कुपोषण और एनिमिया के कलंक से मुक्ति की रणनीति तैयार की गई है। इस रणनीति में 0 से 5 वर्ष के कुपोषित बच्चों और कुपोषण और एनिमिया से पीड़ित 15 से 49 वर्ष की महिलाओं को पंचायतों और महिला समूहों के माध्यम से पौष्टिक गर्म भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। इस अभियान में अधिक से अधिक जनभागीदारी सुनिश्चित की जाएगी ताकि यह अपने उद्देश्य में सफल हो सके।

मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना

प्रदेश के आदिवासी और वनांचल क्षेत्रों में अस्तपाल दूर होने के कारण लोगों को नियमित रूप स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया नही हो पा रही थी। ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों का हाट-बाजारोें में आना जाना लगा रहता है। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया कि हाट-बाजारों में ही मेडिकल टीम भेजकर लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करायी जाए। मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में बीते जून माह से बस्तर और वनांचल के जिलों में लगने वाले स्थानीय हाट-बाजारों में प्रारंभ किया गया। यहां स्वास्थ्य विभाग की मोबाइल टीम, चिकित्सकों और आवश्यक उपकरणों सहित पहुँचकर न केवल लोगों का ईलाज कर रही हैं बल्कि रक्त परीक्षण सहित अन्य पैथोलाॅजी जांच भी मौके पर करके लोगों को निःशुल्क दवा प्रदान किया जा रहा है। इस योजना का प्रदेश के वनांचल और दूरस्थ क्षेत्रों में अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है। साप्ताहिक हाट बाजारों में दी जा रही इलाज की सुविधा से इन क्षेत्रों में 5 से 10 गुना ओ.पी.डी. बढ़ गई है। इसे देखते हुए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की 150 वीं जयंती आगामी 2 अक्टूबर से इस योजना को पूरे प्रदेश में लागू किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना

छत्तीसगढ़ के वनांचलों और दूरस्थ इलाकों के हाट-बाजारों में मोबाइल मेडिकल टीम द्वारा किए जा रहे इलाज के अच्छे परिणाम को देखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने इसे शहरी स्लम क्षेत्रों में भी शुरू करने जा रही है। प्रदेश के 13 नगर निगमों के स्लम क्षेत्रों में सप्ताह में एक दिन सवेरे 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक मोबाइल मेडिकल टीम मौजूद रहकर लोगों का इलाज करेंगी। मोबाइल मेडिकल यूनिट द्वारा कुछ जरूरी जांच के साथ ही निःशुल्क दवाईयां भी दी जाएंगी। गांधी जयंती पर आगामी 2 अक्टूबर से मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना का शुभारंभ किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश के 13 नगर निगमों में करीब एक लाख 71 हजार परिवार स्लम क्षेत्रों में रहते हैं। इन परिवारों के लगभग 7 लाख 80 हजार लोगों के उपचार की सुदृढ़ व्यवस्था के लिए सरकार मौजूदा स्वास्थ्य सेवाओं के साथ ही मोबाइल मेडिकल टीम उपलब्ध करा रही है।

यूनिवर्सल पीडीएस स्कीम

राज्य के सभी परिवारों को खाद्य सुरक्षा उपलब्ध कराने हेतु सार्वभौम पीडीएस का शुभारंभ प्रदेश में गांधी जयंती से हो रहा है। सार्वभौम पीडीएस के अंतर्गत प्राथमिकता राशनकार्डों में खाद्यान्न पात्रता में वृद्धि के साथ-साथ अब राज्य सरकार द्वारा बीपीएल के साथ-साथ एपीएल परिवारों को भी खाद्यान्न प्रदाय किया जाएगा। सार्वभौम पीडीएस स्कीम में प्राथमिकता राशनकार्डो की खाद्यान्न की पात्रता में वृद्धि की गई है जिसके तहत एक सदस्यीय परिवार के लिए 10 किलो, 2 सदस्यीय परिवार के लिए 20 किलो, 3 से 5 सदस्यीय परिवार के लिए 35 किलो तथा 5 से अधिक सदस्य वाले परिवार के लिए 7 किलो प्रति सदस्य प्रतिमाह चावल एक रूपए प्रति किलो की दर से प्रदाय किया जाएगा। प्राथमिकता परिवारों की पात्रता में वृद्धि से खाद्यान्न आबंटन में लगभग 22 हजार टन की वृद्धि हुई है। सार्वभौम पीडीएस कें अंतर्गत सामान्य परिवारों (आयकरदाता एवं गैर आयकरदाता) को भी शामिल किया गया है। सामान्य राशनकार्डो में खाद्यान्न की पात्रता – एक सदस्यीय परिवार के लिए 10 किलो, 2 सदस्यीय परिवार के लिए 20 किलो, 3 या 3 से अधिक सदस्यीय परिवार के लिए 35 किलो खाद्यान्न 10 रूपए प्रतिकिलो प्रतिमाह की दर से प्रदाय किया जाएगा। चना व नमक के वितरण के साथ ही शहरी गरीबों को मिट्टी तेल प्रदाय किया जाएगा।

मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालय

नागरिक सेवाओं की तत्काल उपलब्धता और लोगों को उनकी मांगों के अनुरूप सुविधाएं मुहैया कराने के लिए शहरों में मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालय शुरू किये जा रहे है। गांधी जयंती पर पहले चरण में प्रदेश के 13 नगर निगमो में ये कार्यालय काम करना शुरू कर देंगे। इन कार्यालयों के माध्यम से स्वच्छता, पर्यावरण, स्ट्रीट लाइट, सड़क रखरखाव, नालियों की सफाई और जल आपूर्ति संबंधी शिकायतों का समय-सीमा में निराकरण किया जाएगा। इन कार्यालयों में लोगों को नवीन व्यापार लाइसेंस, लाइसेंस नवीनीकरण, संपत्ति कर, जल कर, समेकित कर के भुगतान और सामुदायिक भवन के आरक्षण जैसी नागरिक सुविधाएं भी मिलेंगी। तीन लाख से अधिक आबादी वाले नगर निगमों में दो वार्डों के लिए एक कार्यालय और दो से तीन लाख की आबादी वाले नगर निगमों में तीन वार्डों के लिए एक मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालय खोले जाएंगे। इन कार्यालयों में निर्धारित तिथियों में सवेरे नौ बजे से दोपहर एक बजे तक निगम के लोक निर्माण, राजस्व, बाजार और स्वास्थ्य शाखा के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहकर लोगों की शिकायतों और जरूरतों का यथासंभव मौके पर ही निराकरण करेंगे।

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