खैरागढ़। दिनांक 27 व 28 मार्च 2022 को इन्दिरा कला संगीत विश्वविद्यालय के अवनद्ध वाद्य विभाग, संगीत संकाय द्वारा ‘पारंपरिक तबला वादन का महत्व’ विषय पर दो दिवसीय तबला की कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य है विश्वविद्यालय के सभी विद्यार्थियों, शोधार्थियों को तबला वादन में परंपरा का महत्त्व, परंपरागत रचनाओं एवं शैलियों से अवगत कराना है। विद्यार्थीगण तबला विद्वान बनारस घराने के कलाकार पं० शुभ महाराज से इस कार्यशाला में लाभान्वित होंगे। पं० शुभ महाराज बनारस घराने के प्रतिष्ठित एक ऐसे प्रतिनिधि कलाकार हैं जो अपने गुरु तबला सम्राट पद्मविभूषण पं० किशन महाराज से प्राप्त विरासत को सँजोने, संभालने एवं तबला वादन के प्रचार-प्रसार के लिए महानीय कार्य कर रहे हैं। प्रो० पार्थ चक्रवर्ती (विभागाध्यक्ष अवनद्ध वाद्य) एवं डॉ० हरिओम हरि (असिस्टेंट प्रोफेसर, अवनद्ध वाद्य विभाग) के संयोजन में इस कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। यह दो दिवसीय कार्यशाला विश्वविद्यालय के नवीन प्रेक्षागृह, परिसर क्र०-2 में दिनांक 27 व 28 मार्च 2022 को आयोजित की जाएगी।
दिनांक 27 मार्च 2022 को शाम 6 बजे अवनद्ध वाद्य विभाग द्वारा आयोजित ‘ताल रंग’ सांगीतिक कार्यक्रम खैरागढ़ के सुधी श्रोतागण एवं कार्यक्रम की मुख्य अतिथि पद्मश्री मोक्षदा (ममता) चंद्राकर, कुलपति इन्दिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़ की गरिमामयी उपस्थिति में सुविख्यात तबला वादक पं० शुभ महाराज का एकल तबला वादन होगा। इनके साथ हारमोनियम पर लहरा संगति अवनद्ध वाद्य विभाग के संगतकार श्री विजय बहादुर सिंह बघेल करेंगे।