तब क्या भूपेश बघेल झूठ बोल रहे थे ? पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने पूछा सवाल : जानिए मामला

रायपुर:

झीरम घटना की जांच कर रहे जस्टिस प्रशांत मिश्रा आयोग के कार्यक्षेत्र में आठ नए बिंदु जोड़ते हुए अधिसूचना जारी कर लोगों से जानकारी मांगी है. झीरम घाटी मामले में जांच के नए बिंदु जोड़ने पर सियासी बयानबाज़ी शुरू हो गई है.इस मामले में एक बयान बीजेपी के पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने भी दे डाला. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा  कि झीरम को लेकर बीजेपी का स्पष्ट मत रहा है. आज के मुख्यमंत्री तब कांग्रेस के अध्यक्ष थे. उन्होंने सदन में कई बार कहा था कि घटना से जुड़े मेरे पास अहम दस्तावेज है. बीजेपी सरकार ने कई बार कहा कि दस्तावेज जांच एजेंसी के पास दीजिये, जिससे जांच की कार्यवाही आगे बढ़े लेकिन नहीं दिया. ऐसे में तब क्या भूपेश बघेल झूठ बोल रहे थे.

अब जाकर जांच संभव होगी

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री और संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेष नितिन त्रिवेदी ने कहा कि झीरम घाटी की घटना एक आपराधिक और राजनैतिक षड़यंत्र का हिस्सा थी. लेकिन एनआईए की जांच में इस षड़यंत्र की जांच नहीं की गई और न ही जस्टिस प्रशांत मिश्रा आयोग की न्यायिक जांच में इन बिन्दुओं को शामिल किया गया. कांग्रेस की सरकार ने अधिसूचना जारी कर जस्टिस प्रशांत मिश्रा आयोग की जांच में आठ नए बिंदुओं को शामिल किया गया है, जिसकी अब जाकर जांच संभव होगी.

कांग्रेस ने किया स्वागत

झीरम घटना की जांच कर रहे जस्टिस प्रशांत मिश्रा आयोग के कार्यक्षेत्र में आठ नए बिंदु जोड़ते हुए अधिसूचना जारी कर लोगों से जानकारी मांगी है. इस कदम का छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस ने स्वागत करते हुए कहा कि इससे झीरम के शहीदों के हत्यारे सलाखों के पीछे जाएंगे.

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