धान खरीदी पर बवाल : किसानों ने मांगी इच्छा मृत्यु, कलेक्टर को भी नहीं निकलने दिया दफ्तर से

कवर्धा : धान का कटोरा कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ में धान खरीदी में बड़ा घमासान हो रहा है। एक तरफ सरकारी अमला रिकार्ड धान खरीदी होने का दावा करते नहीं थक रहा वहीं दूसरी ओर विपक्षी दल भाजपा आज सड़क से सदन तक किसानों के मुद्दे पर लड़ाई लड़ने का ऐलान कर प्रदेश के सभी 27 जिला मुख्यालयों में धरना प्रदर्शन कर रही है। इसी कड़ी में धान न बिक पाने से परेशान किसानों ने इच्छा मृत्यु की मांग की है। दरअसल कवर्धा जिले के किसान कलेक्टोरेट परिसर के सामने धरने पर बैठे हुए हैं।

किसानों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम एक पत्र लिखकर कहा है कि- धान न बिक पाने की वजह से वे परेशान हैं, विरोध जताने के बाद भी जिला प्रशासन का कोई अधिकारी उन तक उनकी बात सुनने नहीं आया, ऐसे में सरकार उन्हें इच्छा मृत्यु की इजाज़त दे।

किसानों का कहना है कि- सरकारी धान खरीदी 20 फरवरी को बंद हुई, इससे करीब 10 से 15 दिन पहले ही किसानों से धान किसी न किसी कारण से खरीदना बंद कर दिया गया था। धान न बिकने की वजह से उनके सामने आर्थिक संकट पैदा हो रहा है। अब जिला प्रशासन के अधिकारी किसी न किसी तरह से किसानों को समझाने की कोशिश कर रहे हैं। गुरुवार को किसानों ने कलेक्टर को भी उनके दफ्तर से निकलने नहीं दिया था। अब किसानों की रात कलेक्टारेट के सामने ही बीत रही है।

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