धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र कुशालपाढ़ में पहली बार लहराया तिरंगा; सुकमा जिले का सबसे संवेदनशील क्षेत्र है

दंतेवाडा / रायपुर:

15 अगस्त का पावन पर्व सुकमा जिले के लिए ख़ास रहा। सुकमा जिले का सबसे संवेदनशील नक्सल इलाके चिंतागुफा से लगभग 8 किलोमीटर भीतर जंगल में मौजूद कुशालपाढ़ गांव में पहली बार आजादी का जश्न मनाया गया। दरअसल कोबरा बटालियन 206 के डिप्टी कमांडेंट रमेश यादव के नेतृत्व में  14 अगस्त की रात को 206 कोबरा और 150 बीएन सीआरपीएफ कि यंग प्लाटून ऑपरेशन पर गई थी। वापसी के दौरान डिप्टी कमांडेंट ने सोचा कि नक्सली गढ़ कशालपाढ मे लोगों से मिला जाए और आजादी का जश्न ग्रामीणों के साथ मनाया जाए।

वे गांव पहुंचे और ग्रामीणों के साथ आजादी का जश्न मनाया। लोगों का जोश देखने लायक था। वे ख़ुश हुए कि उनके बीच जवानों ने आजादी का झंडा उनके गांव के 3 बुजुर्ग महिलाओं के साथ फहराया। मिठाई बांटी गई। डिप्टी कमांडेंट ने बताया कि ये वही गांव है, जहां फोर्स के काफी लोग शहीद हुए है और साथ ही साथ अनेक नक्सली मारे गए हैं।

उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि जो लोग रास्ता भटक गये हैं उन्हें मुख्य धारा मे जोड़ा जाए। इस दौरान टीम में सौरभ यादव, रमेश चौहान, संजय गौर, सत्य नारायण, सजील, खजीप मौजूद थे।

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