पुलिसकर्मियों का धरना 11 घंटे बाद ख़त्म- ज़्यादातर मांगो के पूरा होने का आस्वासन

नई दिल्ली :

तीस हजारी कोर्ट हिंसा के बाद वकीलों के खिलाफ आक्रोशित सैकड़ों पुलिसकर्मियों का दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर चल रहा धरना करीब 11 घंटे बाद खत्म हो चुका है। अपनी ज्यादातर मांगों के माने जाने के आश्वासन मिलने और पुलिस के आला अधिकारियों के लगातार समझाने के बाद प्रदर्शनकारी पुलिसकर्मी धरना खत्म करने को सहमत हो गए।

इससे पहले पुलिस कमिश्नर की ओर से जवानों से प्रदर्शन वापस लेने की मांग की गई, लेकिन जवान पूरे दिन अड़े रहे। उन्होंने कैंडल लाइट प्रोटेस्ट भी किया। पुलिसवालों के समर्थन में आईएएस एसोसिएशन और हिमाचल प्रदेश आईपीएस एसोसिएशन भी उतरे।

वकीलों की हड़ताल बुधवार को भी रहेगी जारी

दूसरी तरफ, बार काउंसिल ऑफ इंडिया की अपील के हड़ताल खत्म करने की अपील के बाद भी वकील नहीं मान रहे। दिल्ली डिस्ट्रिक्ट कोर्ट्स कोऑर्डिनेशन कमिटी ने ऐलान किया किया कि हड़ताल बुधवार को भी जारी रहेगी। कमिटी ने कहा कि उसने फैसला किया है कि दिल्ली की सभी जिला अदालतों में वकील कामकाज से बुधवार को भी दूर रहेंगे। वादियों को अदालत आने दिया जाएगा।

घायल पुलिसकर्मियों को कम से कम 25 हजार मुआवजा

दिल्ली पुलिस के स्पेशल सीपी (क्राइम) सतीश गोलचा ने प्रदर्शनकारी पुलिसकर्मियों को बताया कि हाई कोर्ट के 3 नवंबर के आदेश के खिलाफ रिव्यू पिटिशन दाखिल की जाएगी। बुधवार दोपहर 3 बजे मामले की सुनवाई है, उसी दौरान रिव्यू पिटिशन भी डाली जाएगी। इसके अलावा प्रदर्शनकारियों को भरोसा दिया गया है कि घायल पुलिसकर्मियों का सर्वश्रेष्ठ इलाज होगा। इसके अलावा घायल पुलिसकर्मियों को कम से कम 25 हजार रुपये मुआवजा मिलेगा। इसके अलावा आला अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को बताया कि साकेत कोर्ट मामले में एफआईआर दर्ज हो चुकी है, उचित कार्रवाई होगी।

सारी जायज मांगें मानी जाएंगी, आप काम पर लौटें: स्पेशल पुलिस कमिश्नर

स्पेशल पुलिस कमिश्नर आरएस कृष्णैया ने कहा कि आपके साथ लोगों की संवेदना है। समाज आपके साथ है, मीडिया आपके साथ है। आपकी मांगें हैं, उन पर गंभीरता से कार्रवाई चल रही है। प्रदर्शन कर रहे पुलिसकर्मी ड्यूटी पर लौटें और उनके परिवारवालें घर जाएं। आपकी वाजिब मांगें पूरी होंगी। आप भी समझते हैं कि कई बार बड़े फैसले लेने में समय लगता है। आपके खिलाफ कोई विभागीय कार्रवाई नहीं होगी। आपने अपने मुद्दों को ध्यान में ला दिया है।

एलजी ने की समीक्षा

दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर अनिल बैजल ने मामले की समीक्षा की और दिल्ली पुलिस के कमिश्नर और सीनियर पुलिस ऑफिसरों को सलाह दी है कि वे घायल पुलिसकर्मियों से मिलने जाएं और उनके परिवारों से बात करें। इससे उनका मनोबल बढ़ेगा। साथ ही उन्होंने दिल्ली के मुख्य सचिव को भी निर्देश दिया है कि वे घायल पुलिसकर्मियों और वकीलों के लिए बेस्ट मेडिकल इलाज का भी इंतजाम करें।

साकेत मामले में एफआईआर, उचित धाराओं में होगी कार्रवाई: जॉइंट सीपी

दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर डटे प्रदर्शनकारी पुलिसकर्मियों को खुद पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक ने संबोधित किया और उनसे काम पर लौटने की अपील की। सीपी की अपील के बाद भी प्रदर्शनकारी कई घंटे तक मुख्यालय के बाहर डटे रहे। इसके बाद तमाम आला अधिकारियों ने आक्रोशित पुलिसकर्मियों को मनाने की कोशिश की। जॉइंट सीपी देवेश चंद्र श्रीवास्तव ने पुलिसकर्मियों से कहा कि तीस हजारी कोर्ट में 2 नवंबर की घटना में जो पुलिसवाले घायल हैं, उनका सर्वश्रेष्ठ इलाज हो रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि साकेत कोर्ट में पट्रोलिंग कर रहे पुलिसकर्मी की पिटाई के मामले में FIR दर्ज है और उचित कार्रवाई होगी। देवेश श्रीवास्तव ने पुलिसकर्मियों से कहा कि आपकी मांगें स्वीकार की जाएंगी। साकेत और तीस हजारी कोर्ट मामले में एफआईआर दर्ज की गई हैं। जो लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, उनके खिलाफ कोई विभागीय कार्रवाई नहीं की जाएगी।

लगाए किरण बेदी के नारे

पुलिस जवानों की मांग थी कि वकीलों के खिलाफ एक्शन लिया जाना चाहिए क्योंकि उन्हें लगातार डर बना हुआ कि शहर में कहीं पर भी उन पर हमला हो सकता है। दिल्ली पुलिस और वकीलों के बीच चल रहे मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय को रिपोर्ट मिल गई है। दिल्ली पुलिस ने इस रिपोर्ट को सौंपा। साथ ही पुलिसवालों ने हेडक्वार्टर पर किरण बेदी के पोस्टर लेकर कहा- हमारा कमिश्नर कैसा हो, किरण बेदी जैसा हो। 

जिला अदालतों में हड़ताल पर रहे वकील

इसी मामले को लेकर दिल्ली की सभी जिला अदालतों में आज भी वकील हड़ताल पर रहे। किसी भी कोर्ट में जज के सामने वकील न तो खुद पेश हुए और न ही मुवक्किल को कोर्ट परिसर के अंदर जाने दिया जा गया।

वकीलों की मांग है कि तीस हजारी कोर्ट में हमला करने वाले पुलिसकर्मियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए। हालांकि, दिल्ली हाई कोर्ट में इस हड़ताल का कोई असर नहीं है। हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में और दिनों की तरह कोर्ट में मामलों की सुनवाई चल रही है।

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