नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजमार्गों के टोल प्लाजा पर फास्टैग की सुविधा लागू किए जाने के बाद लोगों को लंबे समय तक इंतजार करना पड़ रहा है। देखने को मिल रहा है कि इससे टोल प्लाजा पर औसत वेटिंग समय पहले से बढ़ गया है। टोल प्लाजा पर जिन कारणों से फास्टैग की सुविधा को अनिवार्य किया गया था, उसमें पेमेंट के लिए वाहनों की वेटिंग समय को भी कम करना भी एक कारण था।
लेकिन सेंट्रल टोल प्लाजा ट्रैफिक मॉनिटरिंग सिस्टम द्वारा जारी आंकड़ों पर ध्यान दिया जाए तो पता चलता है कि टोल प्लाजा पर वाहनों का वेटिंग समय पहले से बढ़ गया है।
हिंदुस्तान टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है।रिपोर्ट के मुताबिक टोल प्लाजा पर वाहनों के रुकने का औसत समय 29 फीसदी तक बढ़ गया है। इस दौरान टोल प्लाजा पर कुल रकम का 60 फीसदी हिस्सा फास्टैग के जरिए वसूला गया है। देशभर के कुल 488 टोल प्लाजा को मॉनिटर करने वाली केंद्रीय टोल प्लाजा ट्रैफिक मॉनिटरिंग सिस्टम के मुताबिक, 15 नवंबर 2019 से लेकर 14 दिसंबर 2019 के बीच वाहनों के रुकने का औसत समय 7 मिनट 44 सेकेंड्स रहा है। फास्टैग लागू करने का पहला डेडलाइन 15 दिसंबर 2019 था। 15 दिसंबर 2019 से लेकर 14 जनवरी 2020 के बीच वाहनों के रुकने का औसत समय बढ़कर 9 मिनट 57 सेकेंड्स हो गया है।
गौरतलब है कि पिछले साल अक्टूबर माह में राष्ट्रीय राजमार्ग एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने ऐलान किया था कि दिसंबर 2019 से राष्ट्रीय राजमार्गों के टोल प्लाजा से गुजरने वाली वाहनों पर फास्टैग लगाना अनिवार्य कर दिया जाएगा। हालांकि, इसके कई बार इसके डेडलाइन को आगे भी बढ़ाया जा चुका है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, हर रोज देशभर के टोल प्लाजा से करीब 60 लाख गाड़ियां गुजरती हैं।