मलेरिया उन्मूलन के लिए बस्तर संभाग में 15 जनवरी से विशेष अभियान; स्वास्थ्य मंत्री ने की मलेरिया उन्मूलन अभियान की तैयारियों की समीक्षा

सोहैल रज़ा

जगदलपुर : बस्तर संभाग में मलेरिया के उन्मूलन के लिए 15 जनवरी से 14 फरवरी 2020 तक विशेष अभियान चलाया जाएगा। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री  टी.एस. सिंहदेव ने आज जगदलपुर के डिमरापाल िस्थत मेडिकल काॅलेज में संभाग के सभी कलेक्टर और स्वास्थ्य अधिकारियों की बैठक लेकर अभियान की तैयारियों की समीक्षा की।

 सिंहदेव ने कहा कि यह एक चुनौतिपूर्ण अभियान है, जिसमें हमें सफल होना है। बस्तर संभाग को मलेरिया मुक्त करने सभी की सक्रिय भागीदारी जरूरी है। इस अभियान में केवल स्वास्थ्य अमला ही नहीं बल्कि जिला प्रशासन और अन्य विभागों की भी सक्रिय भागीदारी की जरूरत है।

उन्होंने इस अभियान के अन्तर्गत संभाग के शतप्रतिशत जनसंख्या को कव्हर करने के निर्देश दिए।

 सिंहदेव ने कहा कि खून की जांच के लिए मलेरिया किट्स और दवाईयां पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। उन्होंने कलेक्टरों को इस अभियान की बारीकी से माॅनीटरिंग करने के निर्देश दिए।
स्वास्थ्य मंत्री  सिंहदेव ने कहा कि  समान्यतः मलेरिया से बार बार पीड़ित होने के कारण एनीमिया होता है। यदि गर्भवती महिला को मलेरिया हो जाता है, तो कम वजन के बच्चे के जन्म होने की संभावना होती है, यही बाद में कुपोषण में परिवर्तित हो जाता है।

इसलिए यदि मलेरिया का समूल उन्मूलन कर दिया जाता है, तो बस्तर को मलेरिया ही नहीं बल्कि कुपोषण और एनीमिया से भी मुक्त किया जा सकता है। सिंहदेव ने कहा कि राज्य में मलेरिया के कुल प्रकरणों में 73.34 प्रतिशत प्रकरण बस्तर संभाग में पाया गया है। प्रदेश में मलेरिया से होने वाली कुल मौतों में सर्वाधिक मौतें भी बस्तर संभाग में होती है।

2018 के अनुसार मलेरिया का राष्ट्रीय वार्षिक सूचकांक एपीआई  0.30 है, वहीं छत्तीसगढ़ में यह 2.63 है। इसलिये प्रदेश में मलेरिया उन्मूलन की शुरुआत बस्तर संभाग से की जा रही है। बैठक के बाद स्वास्थ्य मंत्री ने मितानिन किट्स और प्रचार सामाग्री का विमोचन किया।

 बैठक में स्वास्थ्य विभाग की सचिव श्रीमती निहारिका बारिक सिंह ने कहा कि जनवरी, जुलाई और नवम्बर का माह मलेरिया की दृष्टि से ज्यादा संवेदनशील होता है। इसलिए जनवरी के अलावा नवम्बर में भी इस अभियान को चलाया जाएगा। बैठक में बताया गया कि इस अभियान के लिए संभाग में 1320 टीम का गठन किया गया है। प्रत्येक टीम में चार सदस्य होंगे। उन्होंने कहा कि मलेरिया से बचाव के लिए मच्छरदानी का उपयोग जरूरी है। इसकी आदत डालने के लिए इस अभियान में बच्चों को भी जोड़ा जाए। ये बच्चे अपने अभिभावकों को मच्छरदानी लगाने के लिए जागरूक कर सकते हैं। 
बैठक में सासंद  दीपक बैज, बस्तर आदिवासी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष  लखेश्वर बघेल, विधायक नारायणपुर  चंदन कश्यप, कमिश्नर बस्तर संभाग  अमृत कुमार खलखो, स्वास्थ्य संचालक डाॅ. प्रियंका शुक्ला सहित संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी उपस्थित थे।
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