महारानी अस्पताल प्रबंधन पर भ्रष्टाचार का आरोप, 3 एमडी मेडिसिन के बावजूद हैदराबाद से एमडी बुलाये गए ढाई लाख के वेतन पर


जगदलपुर।
डीएमएफटी मद के दुरूपयोग का ताजा मामला प्रकाश में आया है। जगदलपुर के महारानी अस्पताल में मरीजों को इलाज देने के नाम पर अफसरों ने तीन-तीन एमडी मेडिसीन डॉक्टर होने के बावजूद डीएमएफटी मद से ढाई लाख रूपए मासिक वेतन पर हैदराबाद से एमडी मेडिसीन डॉक्टर को बुला लिया है। उक्त मामले में बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हेमंत पोयाम ने शुक्रवार को एक शिकायत बस्तर संभागायुक्त से की है।

पोयाम ने बताया कि डीएमएफटी मद का खुला दुरूपयोग बस्तर में हो रहा है। जिन डॉक्टरों को मोटी सैलेरी में संविदा के तौर पर यहां लाया गया है, वे सिर्फ मरीजों को रिफर करने का काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि महारानी अस्पताल में तीन-तीन एमडी मेडिसीन डॉक्टर हैं, फिर भी बाहर से डॉक्टर को बुलाया गया है। उनका आरोप है कि बाहर से आने वाले डॉक्टर, जो संविदा में नौकरी करते हैं, वो स्थानीय सीनियर डॉक्टरों की उपेक्षा करते हैं। अभी महारानी अस्पताल में हालात ऐसे हैं कि संविदा डॉक्टर की अनुमति के बिना सीनियर डॉक्टर एक सिरिंज तक नहीं उठा सकते।

इसके अलावा उन्होंने एक बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि महारानी अस्पताल के पुर्निनिर्माण की जिम्मेदारी पुनित गुप्ता के करीब ठेकेदार को दी गई है। इसी ठेकेदार ने बीजापुर में भी अस्पताल का निर्माण किया था। उनका आरोप है कि अस्पताल का टेंडर किसी अन्य ठेकेदार के नाम से खुला था, लेकिन एक बड़े अफसर ने जबरन उससे ठेका छीनकर पेटी पर पुनित गुप्ता के करीबी ठेकेदार को यह ठेका दे दिया।

पोयाम ने आरोप लगाया कि एक ओर प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल पुनित गुप्ता के विरूद्ध पूरी जांच करेंगे तो दूसरी ओर उनकी ही सरकार में उनके अफसर पुनित गुप्ता के करीबियों को काम दे रहे हैं। उन्होंने कमिश्नर से इस मामले में जांच कर कार्रवाई की मांग की है। इसके अलावा अस्पताल परिसर में बनी दुकानों के आबंटन में भी निविदा प्रक्रिया का उल्लंघन कर मनमानी करने का आरोप और जांच की मांग पोयाम ने की है।

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