सावन में सरकार ने बांटे अंडे, इसलिए भगवान हो गए नाराज ; बारिश नहीं होने पर बोले बृजमोहन

रायपुर:

छत्तीसगढ़ विधानसभा सत्र के दौरान शुक्रवार को फिर से राज्य के स्कूलों में बच्चों को पौष्टिक आहार के साथ अंडा देने की बात को लेकर चर्चा छिड़ी। सरकार ने स्कूलों में हफ्ते में तीन दिन बच्चों को अंडे देने का प्रस्ताव तैयार किया था। इसका व्यापक विरोध भी हो रहा है।

सरकार ने इसके बाद स्पष्ट किया कि जो बच्चे अंडा नहीं खाना चाहते उन्हें उसके बदले पूरक पोषक आहार दिया जाएगा। इस विषय को लेकर भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने चुटकी लेते हुए अवर्षा की स्थिति से जोड़ा।

उन्होंने टिप्पणी करते हुए कहा कि, सावन के महीने में सरकार द्वारा स्कूल में बच्चों को अंडा बांटने से भगवान नाराज हो गए हैं, इसलिए ही प्रदेश में बारिश नहीं हो रही। बृजमोहन की इस टिप्पणी के साथ ही सदन में ठहाके गूंज उठे। इसके बाद कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने अपने वक्तव्य में कहा कि मानूसन विलंब से आया।

18 जुलाई की स्थिति में 83.7 फीसदी वर्षा हुई है। आधे छत्तीसगढ़ में 70 फीसदी से कम बारिश हुई है। हाल ही में हुई वर्षा से सुधार की संभावना है। प्रदेश में कहीं भी पेयजल की कमी नहीं है। बिजली की सप्लाई भी कहीं बाधित नहीं है।

अभी अकाल की स्थिति नहीं है। किसानों को वैकल्पिक रूप से सिंचाई के लिए 28 हजार से अधिक पम्प कनेक्शन उपलब्ध कराए गए हैं। खाद्य-बीज की कहीं कमी नहीं है। बीज का उठाव इस साल 28 हजार क्विंटल से अधिक हुआ है। उर्वरक उठाव की स्थिति बेहतर है। 4 लाख मीट्रिक टन से अधिक उर्वरक का भंडार है। सरकार किसानों के लिए संवेदनशील है। जिलेवार आकस्मिक कार्ययोजना पहले से ही तैयार है।

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