CAA को NRC से जोड़ना गुमराह करना है; यह नागरिकता देने का कानून है- अमित शाह

नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को संशोधित नागरिकता कानून (CAA), एनपीआर को लेकर कांग्रेस पर हमला बोला। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि एक भी प्रोविजन बता दें कि जिससे नागरिकता जाएगी। एनआरसी और सीएए को जोड़ना गुमराह करना है। अमित शाह ने कहा कि देश में एनपीआर और जनगणना हर 10 साल के बाद होती है और इस बार भी ये 10 साल बाद हो रही है। कांग्रेस ने बार-बार ये किया है और आज कांग्रेस हमसे सवाल पूछ रही है।

एबीपी न्यूज को दिए इंटरव्यू में अमित शाह ने महाराष्ट्र चुनाव, एनआरसी, एनपीआर, राम मंदिर ट्रस्ट समेत विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की। उन्होंने महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों पर कहा कि रिजल्ट हमारे खिलाफ नहीं आए थे, बल्कि हमारे पक्ष में आए थे। उन्होंने कहा कि सरकार गठन की प्रकिया के परिणाम हमारे पक्ष में नहीं थे।

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बारे में शाह ने दावा किया कि बीजेपी वहां दो तिहाई बहुमत से सरकार बनाने जा रही है। उन्होंने कहा, ‘बंगाल की जनता तृणमूल कांग्रेस के शासन ने परेशान हो चुकी है। बीजेपी की सरकार वहां बनना निश्चित है।’

बिहार विधानसभा चुनाव पर शाह ने कहा कि हम नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे। बिहार में मुख्यमंत्री उम्मीदवार का चेहरा नीतीश कुमार ही होंगे। इसके अलावा राज्य में सीटों के बंटवारे को लेकर शाह ने कहा कि बिहार में जब सीटों का बंटवारा हो जाएगा, तब इसकी जानकारी मीडिया को दे दी जाएगी।

अयोध्या मामले पर शाह ने कहा कि राम मंदिर ट्रस्ट का ऐलान नौ फरवरी से पहले हो जाएगा। यह ट्रस्ट तय करेगा कि राम मंदिर कैसा होगा।

इंटरव्यू में एनपीआर और जनगणना पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इसमें लोगों से कोई भी दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा। बस जानकारी को नोट किया जाएगा। नाम, जन्म स्थान आदि जैसे कई सवाल पूछे जाएंगे जो कि पहले भी पूछे जाते रहे हैं। सीएए पर अमित शाह ने कहा कि इसमें पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में रहने वाले अल्पसंख्यकों को शामिल किया गया है। किसी के साथ भेदभाव का सवाल ही नहीं उठता है।

वहीं, बीते दिनों सीएए के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन के दौरान कुछ जगह हुई हिंसा पर गृह मंत्री अमित शाह ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकारें जहां पर हैं, वहां पर हिंसा क्यों नहीं हुई। इससे जनता समझ रही है कि हिंसा कौन करा रहा है। 

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