स्कूल के टायॅलेट में लगा कैमरा, राज्य बाल आयोग ने स्कूल को क्लीनचिट दी, राष्ट्रीय बाल आयोग ने कहा- ये तो चाइल्ड पोर्नोग्राफी है

रतलाम: स्कूल टॉयलेट की CCTV से निगरानी के मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग और राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग आमने-सामने आ गए हैं। नामली स्थित सेंट जोसेफ स्कूल को राज्य बाल आयोग यह कहते हुए क्लीनचिट दे चुका है कि ये कोई बड़ा मामला नहीं है। अब इसी के उलट मामले को राष्ट्रीय बाल आयोग ने गंभीर बताया है। राष्ट्रीय बाल आयोग का तो यहां तक कहना है कि ये तो चाइल्ड पोर्नोग्राफी है।

क्या है पूरा विवाद, जानिए...

10 दिन पहले चाइल्ड लाइन को शिकायत मिली। शिकायत करने वाले सेंट जोसेफ स्कूल (नामली) के ही स्टूडेंट हैं। बताया- मैनेजमेंट ने स्कूल टॉयलेट में CCTV कैमरे लगवा रखे हैं। शिकायत के अगले ही दिन चाइल्ड लाइन की टीम स्कूल पहुंचकर जांच करती है। टीम को 2 बॉयज टॉयलेट में कैमरे लगे मिले। स्कूल मैनेजमेंट को नोटिस देकर पूछा था- आखिर ऐसा क्यों किया गया, ऐसा करने की क्या जरूरत पड़ी?

राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की स्कूल को क्लीनचिट…
दो दिन पहले यानी 30 अगस्त को राज्य बाल आयोग की टीम स्कूल पहुंचती है। टीम स्कूल को फटकार तो लगाती है, लेकिन क्लीनचिट भी दे देती है। राज्य बाल आयोग के सदस्य ब्रजेश चौहान का कहना था कि ये कोई बहुत बड़ा विषय नहीं है। शरारती बच्चे टॉयलेट में गंदी ड्रॉइंग बनाते थे, इसलिए स्कूल मैनेजमेंट को ऐसा करना पड़ा। टीम ने भी जब जांच की तो टेबल पर इस तरह के गंदे कमेंट लिखे मिले। हालांकि, स्कूल मैनेजमेंट को कहा गया है कि कोई बच्चा गलत कर रहा है तो उसके पेरेंट्स को बुलाकर बच्चों को समझाएं।

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की एंट्री, स्कूल पर FIR
31 अगस्त को मामले में राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने संज्ञान ले लिया। राष्ट्रीय बाल आयोग ने रतलाम SP को लेटर जारी कर FIR करने के लिए कहा। क्या कार्यवाही की? इसकी जानकारी 7 दिन में मांगी है। राष्ट्रीय बाल आयोग अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो का एक बयान भी सामने आया है। इसमें उन्होंने इस गंभीर मामले में पॉक्सो और जेजे एक्ट के तहत कार्रवाई किए जाने की बात कही। इसे चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़ा मामला बताया।

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