लखनउ: कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के कद्दावर नेता जितिन प्रसाद बीजेपी में शामिल हो गए। दिल्ली स्थित ठश्रच् मुख्यालय में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई। इससे पहले जितिन प्रसाद ने गृहमंत्री अमित शाह से उनके आवास पर मुलाकात भी की। पार्टी की सदस्यता लेने के बाद जितिन ने कांग्रेस पर तंज कसा। कहा अब बाकी दल तो व्यक्ति विशेष और क्षेत्र के हैं। राष्ट्रीय दल के नाम पर अगर कोई पार्टी है तो वह बीजेपी है।
प्रसाद ने कहा, मैं भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और सभी भाजपा नेताओं का धन्यवाद देता हूं। ये राजनीतिक जीवन का नया अध्याय शुरू हो रहा है। मेरा कांग्रेस से तीन पीढ़ियों का नाता है। ये अहम निर्णय विचार और मंथन के बाद लिया है। सवाल ये नहीं है कि मैं किस दल को छोड़कर आ रहा हूं। सवाल ये है कि किस दल में जा रहा हूं और क्यों जा रहा हूं। कुछ सालों से महूसस किया है कि आज देश में असली मायने में कोई राजनीतिक दल है तो भाजपा है। राष्ट्रीय दल तो भाजपा है।
पीयूष गोयल ने कहा, आज जितिन प्रसाद हमारे बीच में है। ये उत्तर प्रदेश के नेता हैं। भाजपा की नीति और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रभावित होकर हमारी पार्टी में आ रहे हैं। ये कांग्रेस संगठन में कई पदों पर काम कर चुके हैं। मंत्री भी रहे हैं।
पीयूष गोयल ने कहा- जितिन प्रसाद ने बहुत छोटी आयु से उत्तर प्रदेश की सेवा में अपना पूरा जीवन झोंक दिया है। अभी भी मुझे याद है कि इनकी उम्र 27 वर्ष की थी, जब अचानक इनके पिता जी का देहांत हो गया था। तब ये मुंबई में काम करते थे। दिल्ली के श्रीराम कॉलेज से ये पढ़ाई कर चुके हैं। छोटी ही उम्र में परिवार को झटका लगा। इन्होंने छोटी आयु में भी उत्तरप्रदेश में दौरा किया। अलग-अलग जिलों में जाकर अपनी प्रतिभा और काम से लोगों का दिल जीता। शाहजहांपुर से सांसद बने। इन्होंने उत्तर प्रदेश की राजनीति में जो भूमिका निभाई, वो हम सबने देखी है।
कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद का नाम उत्तर प्रदेश के बड़े नेताओं में शुमार है। 2019 लोकसभा चुनाव से पहले भी कयास लगाए जा रहे थे कि जितिन कांग्रेस को छोड़कर ठश्रच् का दामन थाम सकते हैं, लेकिन तब ऐसा नहीं हो पाया था। जितिन प्रसाद धौरहरा लोकसभा सीट से सांसद रह चुके हैं। इसके अलावा उनके पास केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री की जिम्मेदारी थी।
राजनीतिक गलियारे में चर्चा है कि यूपी में प्रियंका गांधी के आने के बाद से जितिन प्रसाद को साइड लाइन कर दिया गया। पार्टी के कार्यक्रमों में भी उनको कम तवज्जो मिलती थी। हालांकि जितिन ने कभी खुलकर इसको जाहिर नहीं किया।