टारगेट पूरा करने के लिए गाड़ी रोक कर करते हैं कोरोना टेस्ट, दो डोज लगवा चुके लोगों से भी लिया जाता है जबरदस्ती सैंपल

भोपाल: प्रशासन ने रोजाना 6700 कोरोना टेस्ट होने की बात कही थी, जिसे लेकर अब एक नया खुलासा सामने आ रहा है। पुलिस और स्वास्थ्य विभाग मिलकर जबरदस्ती कोरोना टेस्ट करा रही है। किसी भी काम से सड़क पर निकले तो पुलिस गाड़ी रोकती है और हेल्थ की टीम उसका सैंपल ले लेती है। अस्पताल में मरीज नहीं है और रोजाना 100 से कम केस आ रहे हैं। पर रोजाना हजारों कोरोना टेस्ट किए जा रहे हैं।

जब इस बात की पड़ताल की गयी तो पता चला कि टीम को रोजाना 150 टेस्ट कराने का टारगेट दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग अपना टारगेट पूरा करने के लिए पुलिस का सहारा लेती है। एक जगह बैठी टीम का काम तब शुरू होता है जब पुलिस किसी गाड़ी को रूकवाती है और उसका सैंपल ले लिया जाता है। प्रभावशाली लोगों की गाड़ी को पुलिस नहीं रोकती। सबसे ज्यादा टेस्ट दोपहिया वाहनों के चालकों के किए जाते हैं। टारगेट पूरा करने के लिए टीम टेस्ट की औपचारिकता पूरी करती है। 14 जून को 6700 से ज्यादा टेस्ट किए गए जिनमें केवल 83 पॉजिटिव पाए गए।

इस संबंध में जिम्मेदारों से बात की तो भोपाल के नोडल सैंपलिंग अधिकारी ने कहा कि बाहर घूमने वालों को संक्रमण का ज्यादा खतरा है। रैडिम सैंपलिंग इसलिए ही की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग की टीम की कई लोग सुनते नहीं है इसलिए पुलिस की मदद ली जा रही है।

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