RAIPUR | दिल्ली में 28 विधायकों का डेरा, सीएम भूपेश बघेल को यूपी में मिली अहम जिम्मेदारी, क्या छत्तीसगढ़ में बदलने वाला मुख्यमंत्री का चेहरा?

रायपुर: छत्तीसगढ़ में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों के बीच, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी माने जाने वाले कांग्रेस के लगभग 20 विधायक दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। सियासी गलियारों में इसे शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि, रायपुर में बघेल ने कहा कि कांग्रेस विधायकों के दिल्ली दौरे को राजनीति के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि विधायकों के कहीं जाने पर कोई रोक नहीं है। वे सभी स्वतंत्र हैं।

भूपेश बघेल ने कहा, “यह कोई राजनीतिक घटनाक्रम नहीं है। वे दिल्ली का दौरा करेंगे और फिर लौट आएंगे।” आपको बता दें दि बघेल की यह टिप्पणी छत्तीसगढ़ में नेतृत्व परिवर्तन की संभावना पर अटकलों के बीच आई है, जहां कैबिनेट मंत्री टीएस सिंहदेव मुख्यमंत्री पद के लिए होड़ में हैं।

दिल्ली में डेरा डाले विधायक बृहस्पत सिंह ने शनिवार को दोहराया कि राज्य में नेतृत्व परिवर्तन का कोई सवाल ही नहीं है। उन्होंने दावा किया सरकार बघेल के नेतृत्व में अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली में मौजूद विधायकों ने गांधी जयंती के अवसर पर राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी।

राज्य की रामानुजगंज सीट से पार्टी विधायक बृहस्पत सिंह ने कहा, “हम यहां छत्तीसगढ़ के एआईसीसी प्रभारी पीएल पुनिया से मिलने आए हैं। उनका इंतजार कर रहे हैं। हम यह बताना चाहते हैं कि राहुल गांधी को अपने प्रस्तावित दौरे की अवधि राज्य में बढ़ानी चाहिए, ताकि सभी विधायक इसका लाभ उठा सकें।”

पुनिया का दावा- किसी विधायक ने नहीं किया संपर्क
इस पूरे प्रकरण पर पीएल पुनिया ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को कहा था कि वह लखनऊ में हैं। उन्हें विधायकों के दिल्ली में होने की कोई जानकारी नहीं है, क्योंकि उनमें से किसी ने भी उनसे संपर्क नहीं किया है। सूत्रों के मुताबिक अब तक करीब 20 विधायक दिल्ली पहुंच चुके हैं। कुछ और विधायकों के राष्ट्रीय राजधानी आने की उम्मीद है।

कांग्रेस ने बघेल की दी यूपी की जिम्मेदारी
इस बीच, कांग्रेस ने अगले साल होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए बघेल को वरिष्ठ पर्यवेक्षक नियुक्त किया। बघेल समर्थक इसे सकारात्मक संकेत के रूप में देख रहे हैं। बघेल का समर्थन करने वाले एक विधायक ने कहा, ‘हमारे मुख्यमंत्री के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ विकास के मामले में देश के अग्रणी राज्यों में से एक है। यही वजह है कि पार्टी आलाकमान को उन पर पूरा भरोसा है।’

बघेल बोले- छत्तीसगढ़ कभी पंजाब नहीं बन सकता
रायपुर में मीडिया से बात करते हुए बघेल ने कहा था उनका राज्य कभी पंजाब नहीं बन सकता है। छत्तीसगढ़ हमेशा छत्तीसगढ़ रहेगा। दोनों राज्यों में केवल एक समानता है कि दोनों के नाम पर नंबर हैं। पंजाब ‘पंजा’ (पांच) ‘आब’ (पानी) की भूमि है। यह पांच नदियों से मिलकर बना है। इसी तरह, छत्तीसगढ़ ने अपना नाम ‘छत्तीस’ (छत्तीस) ‘गढ़’ (किला) से लिया है। किसी अन्य राज्य के नाम पर नंबर नहीं हैं। दोनों राज्यों के बीच कोई अन्य समानता नहीं है।

अमरिंदर सिंह के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने और पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू के अगले साल की शुरुआत में राज्य में महत्वपूर्ण विधानसभा चुनावों से पहले अपने पद से इस्तीफा देने के बाद से पंजाब में कांग्रेस में उथल-पुथल मची हुई है।

जून 2021 में मुख्यमंत्री के रूप में बघेल के ढाई साल पूरे होने के बाद छत्तीसगढ़ में गार्ड ऑफ चेंज की मांग ने अपना सिर उठा लिया। कैबिनेट मंत्री टीएस सिंहदेव के खेमे ने दावा किया है कि 2018 में आलाकमान ने सौंपने पर सहमति व्यक्त की थी। कांग्रेस आलाकमान ने विवाद को सुलझाने के लिए अगस्त में बघेल और सिंहदेव दोनों को दिल्ली बुलाया। ऐसा प्रतीत होता है कि बघेल कुछ समय के लिए, नेतृत्व परिवर्तन को टालने में कामयाब रहे। हालांकि इस मामले को लेकर लगातार अटकलें लगाई जा रही हैं।

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