रेमडेसिविर के दोगुने उत्पादन को सरकार ने दी मंजूरी, दाम भी होंगे सस्ते, जानिए आखिर क्यों हुई दवा की किल्लत

नई दिल्ली: पिछले कुछ दिनों से ये बात सामने आनी शुरू हुई कि देश में एंटी-वायरल ड्रग रेमडेसिविर की भारी किल्लत हो गई है। अब सरकार ने किल्लत और कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए रेमडेसिविर के प्रोडक्शन की क्षमता दोगुना करने की इजाजत दे दी है। अभी तक 38.8 लाख रेमडेसिविर इंजेक्शन हर महीने बनते थे, अब इसे 78 लाख तक बढ़ाने के लिए कहा जा चुका है। रेमडेसिविर बनाने वालों ने भी इस सप्ताह के अंत तक इसकी कीमत 3500 रुपये से भी कम करने का फैसला किया है।

एंटी-वायरल ड्रग रेमडेसिविर की किल्लत की दो बड़ी वजहें हैं। पहली तो यही है कि कोरोना के मामलों में अचानक तेजी आ गई है, जिससे डिमांड काफी बढ़ गई है। वहीं दूसरी बड़ी वजह ये है कि जनवरी और फरवरी में कंपनियों ने इस दवा का प्रोडक्शन ही कम कर दिया था। अचानक रेमडेसिविर की किल्लत होने पर सरकार को इसके निर्यात पर पाबंदी लगानी पड़ी।

फार्मा इंडस्ट्री के सूत्रों के मुताबिक दिसंबर 2020 से कोविड-19 के मामलों में कमी के कारण रेमडेसिविर की मांग कम हो गई जिससे जनवरी और फरवरी में कंपनियों ने इसका उत्पादन कम कर दिया या बंद कर दिया। इस कारण इसकी सप्लाई में कमी आई है। फार्मा इंडस्ट्री के एक सूत्र ने कहा कि दवा कंपनियां एक साथ इतनी भारी मात्रा में रेमडेसिविर बनाने का जोखिम नहीं उठा सकती हैं क्योंकि इस दवा की अवधि 6 से 8 महीने होती है। उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि कंपनियां रेमडेसिविर का कम उत्पादन कर रही थी। इस दवा की किल्लत की एक और वजह कोरोना के मामलों में अचानक आई तेजी है।

एक दवा कंपनी के टॉप अधिकारी ने कहा कि पहली लहर में कोरोना का प्रभाव और रेमडेसिविर की मांग केवल महानगरों और बड़े शहरों तक सीमित थी। लेकिन दूसरी लहर में दूसरे, तीसरे और चैथी श्रेणी के शहरों और कस्बों में भी मामले तेजी से बढ़े हैं। इस कारण से डिस्ट्रिब्यूशन नेटवर्क मांग के हिसाब से सप्लाई करने को संघर्ष कर रहा है। एक दूसरी कंपनी के अधिकारी ने कहा कि यह केवल दवा की किल्लत का सवाल नहीं है। कोरोना की दूसरी लहर में मामले अचानक इतनी तेजी से बढ़े हैं कि प्रोडक्शन और डिमांड में भारी अंतर आ गया है। हालांकि फार्मा इंडस्ट्री के अधिकारियों का कहना है कि यह अस्थाई दौर है और अगले एक हफ्ते से 10 दिन में रेमडेसिविर की लाखों डोज बाजार में आ जाएंगी।

इंडियन ड्रग मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के प्रेजिडेंट महेश दोशी ने कहा कि रेमडेसिविर की किल्लत अगले कुछ दिन में दूर हो जाएगी। इसके लिए सरकार और इंडस्ट्री मिलकर काम कर रही है। रेमडेसिविर दवा बनाने वाली एक कंपनी के अधिकारी ने कहा कि सभी कंपनियों ने मार्च के मध्य से प्रोडक्शन बढ़ा दिया है। अगले 7 से 10 दिन में 10 से 20 लाख डोज बाजार में आ जाएंगे। दोशी ने कहा कि सरकार के रेमडेसिविर के निर्यात पर पाबंदी लगाने से भी स्थिति को सुधारने में मदद मिलेगी।

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