BOLLYWOOD | 1984 में अमिताभ बच्चन के कहने पर बदला गया था राष्ट्रपति भवन का एक नियम, जानिए ये दिलचस्प किस्सा

मुंबई: बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन ने साल 1969 में ’सात हिंदुस्तानी’ फ़िल्म से अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत की थी। आज बिग बी को इंडस्ट्री में 52 साल हो चुके है। इस दौरान उन्होंने हिंदी सिनेमा को कई शानदार क्लासिक फ़िल्में दी हैं। बिग बी उन चुनिंदा कलाकारों में से एक हैं जिन्होंने राजनीति में भी अपना हाथ आज़माया है। हालांकि, लंबे समय तक वो सत्ता के गलियारों में नहीं टिके। मगर इस दौरान उन्होंने एक ऐसा काम किया जो बिग बी के अलावा शायद ही कोई और कर पाता। दरअसल, बिग बी ने सालों से चला आ रहा ’राष्ट्रपति भवन’ का एक नियम बदल दिया था।

साल 1984 में इलाहबाद में लोकसभा चुनाव होने थे। इस दौरान राजीव गांधी के कहने पर अमिताभ बच्चन ने अपनी जन्मभूमि इलाहबाद से चुनाव लड़ने का फ़ैसला किया। बिग बी का मुक़ाबला यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री, हेमवंती नंदन बहुगुणा से था। बता दें कि, उस समय हेमवती नंदन बहुगुणा को हराना नामुमकिन सा था। मगर ये बिग बी का चार्म ही था कि वो चुनाव पूरे पौने दो लाख वोटों से जीते।

चुनाव जीतने के बाद संसद सदस्य के रूप में बिग बी जब डिनर करने ’राष्ट्रपति भवन’ गए तो डिनर टेबल पर रखी थाली पर उनकी नज़र गई। इस थाली पर राष्ट्रीय प्रतीक ’अशोक स्तंभ’ बना हुआ था। थाली में बना ’अशोक स्तंभ’ उन्हें पसंद नहीं आया। बिग बी को ये ’अशोक स्तंभ’ का अपमान लगा। इसके बाद जब अमिताभ ने ये बात संसद में रखी तो बाक़ी सदस्यों ने उस पर अपनी सहमति जताई। कुछ दिन बाद एक नया क़ानून पारित हुआ जिसके अंतर्गत ’राष्ट्रपति भवन’ की सभी प्लेटों से राष्ट्रीय प्रतीक हटाने का फैसला था।

हालांकि, बिग बी लंबे समय तक सत्ता के गलियारों में टिक नहीं सके। राजनीति में आना उन्हें एक बड़ी ग़लती लगी जिसके बाद उन्होंने इससे अलग़ होने का फ़ैसला ले लिया। बिग बी आज भी बॉलीवुड के सबसे बिज़ी स्टार्स में से एक हैं।

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