भारतीय मूल का डॉक्टर #MeToo में फंसा, 48 महिला मरीजों के साथ 54 यौन अपराधों के मामले में दोषी, कहता था- सेक्स सबसे अच्छी दवा है

लंदन: ब्रिटेन में भारतीय मूल के एक डॉक्टर को 48 महिला मरीजों के साथ 54 यौन अपराधों के मामले में दोषी पाया है। ग्लास्गो हाईकोर्ट की ज्यूरी ने डॉक्टर कृष्ण बल्लभ प्रसाद सिंह (72) को गुरुवार को दोषी ठहराया। डॉक्टर कृष्ण बल्लभ ने बिहार से पढ़ाई की है। हाई कोर्ट ने डॉक्टर को 1983 और 2018 के बीच नाबालिग समेत कई महिला रोगियों के साथ यौन उत्पीड़न के मामले में दोषी पाया। इस मामले में अगले महीने सजा सुनाई जाएगी।

डॉक्टर कृष्ण बल्लभ ने 1974 में पटना मेडिकल कॉलेज से डठठै की पढ़ाई पूरी की थी। 1976 में उन्होंने ब्रिटेन में प्रैक्टिस के लिए रजिस्ट्रेशन कराया। हालांकि मामला सामने आने के बाद जनरल मेडिकल काउंसिल ने उन्हें सस्पेंड कर दिया है। वहीं डॉक्टर ने सभी आरोपों को नकारते हुए दावा किया कि उनकी एग्जामिनेशन टेक्निक वही हैं, जो भारत में चिकित्सा प्रशिक्षण के दौरान सिखाई गई थी।

मरीजों ने लगाए गलत तरीके से छूने का आरोप
पीड़ित महिलाओं ने बताया कि डॉक्टर ने परीक्षण के दौरान उनकी स्कर्ट पर हाथ रखा, उन्हें चूमा और गलत तरीके से उनका परीक्षण किया। इस दौरान वह भद्दी टिप्पणी भी करता रहा। ज्यादातर अपराध मेडिकल एग्जामिनेशन के दौरान हुए, लेकिन डॉक्टर पर पुलिस स्टेशन में मरीज के साथ मारपीट का भी आरोप लगा है। महिलाओं ने अदालत को बताया कि शुरुआत में उन्होंने इसकी शिकायत नहीं की।

2018 में मीटू मूवमेंट से प्रेरित एक महिला ने डॉक्टर पर आरोप लगाए, जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की थी। एक महिला ने आरोप लगाया कि उसे सांस की समस्या थी, जिस पर डॉक्टर ने उसे गलत तरीके से छुआ। वहीं, एक महिला ने आरोप लगाया कि डॉक्टर ने उसके रोगों को लेकर कहा कि सेक्स सबसे अच्छी दवा है। एक व्यक्ति ने अदालत को बताया कि उसने सिंह को उसकी गर्भवती पत्नी के साथ गलत हरकतें करते पकड़ा था, जिसके बाद उसे मुक्का मारने की धमकी दी थी।

अपनी ईमानदारी के लिए जाने जाते हैं भारतीय डॉक्टर
ब्रिटिश एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडियन ओरिजिन के अध्यक्ष डॉ रमेश मेहता ने कहा, श्भारतीय मूल के डॉक्टर को इस तरह के जघन्य कृत्यों में शामिल देखना दुखद है। भारतीय डॉक्टर रोगी की देखभाल के लिए अपनी ईमानदारी के लिए जाने जाते हैं।

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