KANKER | भारत का इकलौता वर्दी वाला गांव, 45 से अधिक युवक वर्दीधारी, सेवानिवृत्त होने के बाद अलग-अलग संस्थाओ में कर रहे हैं काम

कांकेर: छत्तीसगढ़ को नक्सल प्रभावित राज्य के रूप में जाना जाता है. यहां कई जिलों में नक्सलियों को प्रभाव है, लेकिन प्रदेश के कई ऐसे गांव हैं जहां के युवाओं ने नक्सल का रास्ता न चुनकर खुद को देश की सेवा में समर्पित किया है. यहां के युवा के पुलिस, सेना और सीआरपीएफ में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. ऐसा ही एक गांव है कांकेर जिले का ढेकुना. यहां के युवा भी देश की सेवा में लगे हुए हैं.

कांकेर के इस गांव में 45 से अधिक युवक हैं वर्दीधारी


ढेकुना गांव उत्तर बस्तर के कांकेर जिला मुख्यालय से महज 15 किलोमीटर पर बसा है. इस गांव की संख्या 750 है. 750 लोगों संख्या वाले इस गांव की की खासियत ये है कि यहां 45 से अधिक युवक वर्दीधारी हैं. ये सभी युवक सेना से जुड़े हुए हैं. ये युवक अर्ध सैनिक बल, सीआरपीएफ, सीआईएसफ, राज्य पुलिस या रेलवे पुलिस जैसे महकमों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इतना ही नहीं इनमें से तीन से चार लोग सेवानिवृत्त भी हो चुके हैं. सेवानिवृत्त होने के बाद अभी ये लोग अलग-अलग संस्थाओ में काम कर रहे हैं.

गांव के लोगों को होता है गर्व महसूस


वहीं गांव वालों को कहना है की हमारे यहां के युवा सेना में जाके देश सेवा कर रहे हैं. इससे हम लोगों को गर्व महसूस होता है. साथ ही ये युवा हमारे गांव और जिले का भी नाम रोशन कर रहे हैं. इनसे सीख लेकर गांव के दूसरे युवा भी दिन रात महेनत कर सेना भर्ती की तैयारी भी कर रहे हैं.

युवाओं को बस्तर फाइटर नामक सेना में किया गया है भर्ती


गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा बस्तर संभाग के लिए एक विशेष भर्ती निकाली गई थी. कुछ महीने पहले यहां के युवाओं को बस्तर फाइटर नामक सेना में भर्ती किया गया है. जहां भर्ती प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और इन युवाओं की ट्रेनिंग चल रही है. जिसमें इस गांव के चार से पांच युवकों का सलेक्शन भी हुआ है.

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