KANKER : फटे व उधार के कपड़ों में दूल्हा- दुल्हन ने लिए फेरे, मुख्यमंत्री कन्या विवाह में खाली बर्तनों को निहारते रहे भूखे बच्चे

कांकेर : मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत हुए सामूहिक विवाह कार्यक्रम में भारी अव्यवस्था का मामला सामने आया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस समारोह में दूल्हे और दुल्हनों को कपड़े तक नहीं मिले हैं. फेरे लेने के लिए दुल्हनों को लाल चुनरी उधार लेनी पड़ी तो किसी दुल्हन को सफेद चुनरी में ही शादी के मंडप में बैठना पड़ा. इसके अलावा शादी के साथ ही दिए जाने वाले उपहार के सामान भी कई जोड़ों को नहीं मिले. भोजन की भी पर्याप्त व्यवस्था नहीं थी. भूखे बच्चे और परिजन खाली बर्तन ताकते रहे.

फटी जींस और उधार की चुनरी के साथ हुई रस्म अदा

समारोह के दौरान एक दूल्हा फटी हुई जींस में शादी की रश्म अदा करते हुए दिखा. दुल्हे से पूछने पर उसने बताया कि-  वह सरोना से प्रभा कुंजाम से शादी करने के लिए पहुंचा है उन्हें बताया गया है कि दुल्हे की ड्रेस खत्म हो गई है, जिससे वह फटी हुई जिंस में शादी के रस्म अदा करता रहा. प्रभा को दुल्हन के आधे कपड़े मिलने पर लाल चुनरी की जगह सफेद रंग की चुनरी उधार मांग शामिल हुई. पवन ने कहा कि- ‘फटे कपड़े में ही शादी में शामिल हो रहा हूं. इससे काफी बुरा लग रहा है.’

इसके अलावा बनसागर के विक्रम कोड़ोपी व ऊषा, हेमंत उईके व दिलेश्वरी, उकेश्वर व तुलेश्वरी सेन तथा भूपेंद्र व पेमिन बाई को भी साड़ी, ब्लाऊज, लहंगा व अन्य सामान नहीं दिए गए. देवगांव के चंद्रशेखर व दिनेश्वरी, सतीश साहू व रेवती जैसे कई जोड़े थे जिन्हें विवाह से संबंधित सामान नहीं मिले.

खाली बर्तन को निहारते रहे भूखे बच्चे

यही आलम समारोह में भोजन व्यवस्था को लेकर भी रहा. मात्र 20 किलो क्षमता वाले गंज में पके हुए दाल चांवल लाकर कार्यक्रम स्थल से कुछ दूर एक खेत में लाकर रख दिया गया था. इसे देखकर भूखे बाराती वहां टूट पड़े. प्लेट की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने पर बरातियों ने पेड़ के पत्ते के तोड़ उसमें चांवल दाल लेकर भोजन किया. कुछ देर में ही भोजन खत्म हो गया, जिसके बाद दोबारा भोजन नहीं लाया गया. भूखे बाराती और बच्चे आस भरी निगाहों से खाली बर्तनों को ताकते रहे लेकिन कार्यक्रम खत्म होने के बाद कैटरिंग ठेकेदार स्वयं खाली बर्तन लेने वहां पहुंचा, जब उससे पूछा गया तो कि इतने छोटे बर्तन में खाना क्यों रखा गया तो उसका जवाब था उसे नहीं पता यह गंज यहां कौन लाया ? बर्तन गिनती में कम थे इसलिए लेने आए हैं.

इस मामले में संबलपुर निवासी केटरिंग ठेकेदार गणेश शर्मा से पूछने पर उन्होंने बताया कि मालगांव स्कूल में 8 हजार लोगों का भोजन बना था, जिसमें 3500 लोगों को दो जगह मालगांव स्कूल व पैराडाईज स्कूल में सुबह 7 बजे भोजन परोसा गया. इसके बाद अन्य लोगों को परोसा गया. 8हजार लोगों के लिए भोजन बना था. शादी में केवल 35 सौ के करीब लोग थे.

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