MP NEWS | राहुल गाँधी के ज्योतिरादित्य सिंधिया वाले बयान को लेकर सियासी घमासान ज़ोरो पर, नरोत्तम मिश्रा बोले – बिना सिंधिया के मध्य प्रदेश में कांग्रेस शून्य

राहुल गाँधी

भोपाल: मध्य प्रदेश में इस वक्त सियासी बयानबाज़ी का दौर ज़ोरो पर है। मामला राहुल गाँधी के ज्योतिरादित्य सिंधिया वाले बयान को लेकर गरमाया हुआ है। सियासी घमासान ज़ोरो पर है। राहुल गाँधी ने कटाक्ष किया था की “जो पहले उनकी पार्टी में ‘निर्णय निर्माताओं’ में गिने जाते थे, अब भगवा पार्टी में शामिल होने के बाद वह पीछे की सीट में बैठकर दर्शकों की तरह इंजॉय करते हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया यदि कांग्रेस में रहते तो एकदम मुख्यमंत्री बन जाते हैं। बीजेपी में जाकर बैकबेंचर बन गए हैं।” ज्योतिरादित्य सिंधिया पर दिये गए बयान को लेकर राहुल गांधी भाजपा नेताओं के निशाने पर आ गए हैं। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने राहुल गांधी पर पलटवार किया है।

बिना सिंधिया के मध्य प्रदेश में कांग्रेस शुन्य

मध्य प्रदेश के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने आज राहुल गांधी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ” बहुत जल्दी समझ में आ गया आदरणीय राहुल गांधी जी को कि बिना सिंधिया के मध्य प्रदेश में कांग्रेस शुन्य है। अच्छा यदि मान लें, वह ऐसा कर सकते हैं तो एक प्रयोग करें राजस्थान में। सचिन पायलट जी को मुख्यमंत्री बना दें।”

उन्होंने आगे कहा की “2 साल में जो लोग कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं बना पाए वह मुख्यमंत्री बनाने की बातें कर रहे हैं। दूल्हा बनाकर मुख्यमंत्री के रूप में पेश किया था सिंधिया जी को। 2018 का विधानसभा चुनाव ज्योतिरादित्य सिंधिया के चेहरे पर लड़ा और जैसे ही सरकार बनी तो बुजुर्ग से भांवरें कर दीं।”

राहुल गांधी फिटनेस में लगे हैं, उन्हें मेंटल फिटनेस की जरूरत

वही प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए कहा की ” सब कुछ खोने के बाद राहुल गांधी ये बात कर रहे हैं। पहले सिंधिया को सम्मान नहीं दिया। राहुल गांधी फिटनेस में लगे हैं, उन्हें मेंटल फिटनेस की जरूरत है। अभी राहुल गांधी सचिन पायलेट की ही चिंता कर लें।”

राहुल गांधी अंत तक आश्वस्त थे, ज्योतिरादित्य सिंधिया विश्वासघाती नहीं है

बताने की जरूरत नहीं कि ज्योतिरादित्य सिंधिया की राहुल गांधी के साथ कितनी गहरी दोस्ती थी। जब मीडिया में ज्योतिरादित्य सिंधिया के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के समाचार प्रसारित होने लगे तो राहुल गांधी जरा भी विचलित नहीं हुए। उनका मानना था कि यह सब कुछ जो हो रहा है, कमलनाथ पर दबाव बनाने के लिए किया जा रहा है। वह अंतिम समय तक आश्वस्त थे कि ज्योतिरादित्य सिंधिया विश्वासघाती नहीं हो सकते।

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