मानसून सत्र में जमकर हंगामा, भाजपा विधायक को सदन से बाहर निकाला गया

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा का मॉनसून सत्र गुरुवार को हंगामेदार रहा। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विधायक ओमप्रकाश द्वारा आपत्तिजनक शब्द को लेकर सत्तापक्ष वेल में उतर गया। इस पर विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल ने विधायक ओमप्रकाश से सदन में माफी मांगने को कहा। इसके बाद पूरे दिन के लिए ओमप्रकाश सदन से निष्कासित कर दिया गया।

केंद्र सरकार संविधान का मर्डर करने पर तुली है
विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल ने कहा कि यह केंद्र सरकार संविधान का मर्डर करने पर तुली है। इससे पहले बीजेपी विधायक महाजन को भी बाहर किया। हंगामे के बाद अनिल वाजपेयी को सदन से बाहर किया गया। दिल्ली विधानसभा का यह दो दिन का मॉनसून सत्र में पहले दिन के प्रश्नकाल के 36 मिनट से ज्यादा समय हंगामे की भेंट चढ़ गए।

दिल्‍ली सरकार पर दबाव बनाएगी भाजपा
लक्ष्मी नगर के बीजेपी विधायक अभय वर्मा ने परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत के खिलाफ विधानसभा अध्यक्ष के पास शिकायत दर्ज कराई है। वर्मा ने डीटीसी बस खरीद मामले में विधानसभा में दिए गए एक बयान का हवाला देते हुए गहलोत पर सदन को गुमराह करने का आरोप लगाया है। वहीं प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने दिल्ली सरकार से अनुसूचित जाति वर्ग के छात्रों की छात्रवृत्ति का पैसा तुरंत जारी करने की मांग भी की है। गुप्ता का दावा है कि अनुसूचित जाति के मेधावी छात्रों को 2 साल से छात्रवृत्ति नहीं मिल रही है, जिसकी वजह से उनकी शिक्षा प्रभावित हो रही है।

बहुगुणा को ‘भारत रत्‍न’ का प्रस्‍ताव लाएगी सरकार?
प्रख्यात पर्यावरणविद् और चिपको आंदोलन के प्रणेता सुंदर लाल बहुगुणा को भारत रत्न दिए जाने की मांग को लेकर एक प्रस्ताव भी सदन में लाया जा सकता है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री को पत्र लिख चुके हैं और अपने पत्र में उन्होंने सुंदर लाल बहुगुणा को भारत रत्न से सम्मानित करने का अनुरोध किया है। इसके अलावा आप विधायक दिल्ली में जलभराव और नालों की सफाई को लेकर एमसीडी को घेरने की कोशिश करेंगे।

किन मुद्दों पर घिरेगी केजरीवाल सरकार?
बुधवार को जारी बयान में रामवीर सिंह बिधूड़ी ने तीन प्रमुख मुद्दे गिनाए जिन्‍हें पार्टी विधानसभा में उठाएगी।

  1. विपक्ष जनता की तरफ से जानना चाहता है कि दिल्ली में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान स्वास्थ्य व्यवस्था का ढांचा बुरी तरह क्यों चरमरा गया? दूसरी लहर के दौरान जनता पर परेशानियों का पहाड़ टूट पड़ा था। न अस्पतालों में बेड मिल रहे थे, न दवाइयां मिल पा रहीं थीं। दिल्ली का डेथ रेट भी देश में सबसे ज्यादा रहा। इस विषय पर चर्चा इसलिए भी जरूरी है, ताकि तीसरी लहर को रोकने के लिए जरूरी तैयारियां की जा सकें और पहले की गलतियों से सबक सीखा जा सके।
  2. दिल्ली में पानी की कमी का मुद्दा भी बहुत महत्वपूर्ण है। दिल्ली सरकार इस मामले में पिछले सात सालों में कोई बड़ा कदम नहीं उठा सकी है। इसके अलावा पीडब्लूडी और सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग नालों की सफाई नहीं कर पाया, जिसकी वजह से दिल्ली की सड़कों पर हर बारिश के बाद भारी जलभराव हो रहा है। नालों की सफाई पर खर्च किए गए करोड़ों रुपए आखिर कहां बह जाते हैं, इस बारे में सरकार से जवाब मांगा जाएगा।
  3. दिल्ली की परिवहन व्यवस्था को लेकर विपक्ष की चिंताओं से भी सरकार को अवगत कराया जाएगा। डीटीसी के बेड़े में पिछले सात सालों में एक भी नई बस नहीं जुड़ पाई है और अभी चल रहीं सारी बसें अपनी उम्र पूरी कर चुकी हैं। दिल्ली सरकार के बस खरीद सौदे में करोड़ों का घोटाला सामने आ रहा है। जनता के इन मुद्दों पर दिल्ली सरकार की जवाबदेही बनती है।

जनहित के मुद्दे ही उठाएंगे: बिधूड़ी
विधानसभा के दो दिवसीय मॉनसून सत्र में विपक्ष की भूमिका सकारात्मक रहेगी। यह कहना है कि विधानसभा में विपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी का, जिन्होंने आश्वस्त किया है कि पहले दिन बीजेपी सकारात्मक रुख अपनाते हुए जनहित के मुद्दे ही सदन में उठाएगी। उन्होंने उम्मीद जताई है कि सरकार भी विपक्ष के इन मुद्दों को गंभीरता से लेगी, ताकि जनता की समस्याओं और उनके दुख-दर्द को कम करने में मदद मिल सके।

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