छतरपुर: मैं ससुराल नहीं जाऊंगी, डोली रख दो कहारों… भले ही यह गीत किसी फिल्म का हो, लेकिन एमपी के छतरपुर जिले में एक आदिवासी दुल्हन ने कुछ ऐसा ही कर दिखाया है। बाराती और दूल्हा उस समय हैरान रह गए, जब दुल्हन ने साथ जाने से इनकार कर दिया। उसके बाद दूल्हे को गाड़ी से उतरकर शर्त पूरी करनी पड़ी है।
दरसअल, शादी सम्पन्न होने के बाद दूल्हा और बारात, दुल्हन को साथ ले जाने के लिए तैयार खड़े थे। इस दौरान ऐन मौके पर दुल्हन ने दूल्हे के साथ ससुराल जाने से इंकार कर दिया। वह जिद पर अड़ गई कि जब तक उसका पति उसके साथ मिलकर पेड़ नहीं लगाएगा, वह अपने ससुराल यानी दूल्हे के साथ नहीं जाएगी।
दुल्हन की जिद का पता लगते ही दूल्हा ने दुल्हन को न सिर्फ मनाया बल्कि खुशी-खुशी उसके साथ पौधे भी लगाए। इसके बाद दुल्हन खुशी से ससुराल चली गई। मामला छतरपुर जिले के बिजाबर तहसील की कुपिया गांव का है। सपना आदिवासी की शादी छतरपुर तहसील निवासी निवारिया गांव में रहने वाले संतोष आदिवासी के साथ हुई थी।
सब कुछ सामान्य चल रहा था, लेकिन तभी दुल्हन सपना आदिवासी ने फेरे पड़ने के बाद अचानक ससुराल जाने से मना कर दिया। दूल्हे ने जब कारण पूछा तो सपना ने पौधे लगाने के लिए कहा। सपना की बात को उसके पति एवं बारातियों ने सहर्ष स्वीकारा और सभी ने पौधे लगाए।
दरअसल, सपना बकस्वाहा जंगलों को बचाने की मुहिम से जुड़ी हुई है। वह चाहती है कि लोग अपने जीवन में अधिक से पौधे लगाएं। इसलिए वह अपनी शादी में भी पेड़ लगाकार लोगों को एक संदेश देने की कोशिश की है।