Business | बढ़ सकता है आपका मोबाइल बिल का खर्च, मुकेश अंबानी और सुनील मित्तल की बादशाहत का होगा असर, जानिए कैसे

नई दिल्ली: पिछले साल अगस्त में पूर्वी दिल्ली के अनिल कुमार ने एक साल का जियो प्लान 1299 रुपये में रिचार्ज कराया था। इस साल जब 24 अगस्त को उनका रिचार्ज खत्म हुआ तो उन्होंने दोबारा रिचार्ज कराने की कोशिश की। इस साल उन्हें एक साल के लिए 2500 रुपये का प्लान मिल रहा था, जिसे देखते हुए उन्होंने अपने मोबाइल का सिर्फ तीन महीने का 599 रुपये वाला रिचार्ज ही कराया है।

आम लोगों के साथ ही टेलिकॉम उद्योग के जानकारों को आशंका है कि अगर देश में सिर्फ दो टेलिकॉम कंपनी बच गई तो लोगों के लिए फोन और डेटा के भाव में तेज वृद्धि दर्ज की जा सकती है। जानकारों का कहना है कि देश में अगर टेलिकॉम कारोबार में सिर्फ दो कंपनियां बची तो टैरिफ में और वृद्धि दर्ज की जा सकती है।

सरकार निकाल रही है उपाय
टेलिकॉम सेक्टर के बढ़ते कर्ज संकट को दूर करने के लिए केंद्र सरकार अब मोबाइल कंपनियों पर बकाया ब्याज के एक हिस्से को इक्विटी इंस्ट्रूमेंट में बदलने पर विचार कर रही है। सरकार को उम्मीद है कि इससे टेलिकॉम सेक्टर को राहत मिल सकती है। कर्ज के भारी दवाब से जूझ रही वोडाफोन-आइडिया जैसी कंपनियों को सरकार के इस कदम से काफी राहत मिल सकती है।

स्पेक्ट्रम की रकम का पेमेंट
केंद्र सरकार कंपनियों की तरफ से स्पेक्ट्रम के लिए चुकाई जाने वाली रकम के भुगतान की अवधि भी बढ़ाने की कोशिश में जुटी है। इसके बाद ब्याज के भुगतान को किस्त में बदला जा सकता है। सरकार टेलिकॉम कंपनियों को नेट प्रेजेंट वैल्यू (NPV) को इक्विटी में बदलकर चुकाने के लिए कह सकती है।

टेलिकॉम सेक्टर को राहत
टेलिकॉम कारोबार के जानकारों का मानना है कि दो साल के हॉलिडे के बाद स्पेक्ट्रम खरीद के लिए रकम चुकाने की सुविधा से टेलिकॉम कंपनी को काफी राहत मिल सकती है। कर्ज से जूझ रही Vodafone-आइडिया जैसी कंपनी के लिए यह बहुत बड़ी राहत है। Vodafone-Idea पर बैंक और सरकार का करीब 1।7 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है।

क्या होगा फायदा
अगर सरकार स्पेक्ट्रम फीस के भुगतान के लिए चार साल की राहत देती है तो इससे वोडाफ़ोन-आइडिया को करीब 16,000 करोड़, भारती एयरटेल को 9500 करोड़ और रिलायंस जियो को 3000 करोड़ का फायदा हो सकता है। देश में तीन निजी टेलीकॉम कंपनियों का कारोबार में बने रहना जरूरी है। इससे ग्राहकों को सुविधा होगी और टेलिकॉम कंपनियों को मनमानी करने का मौका नहीं मिल सकेगा।

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