नई दिल्ली: सीबीएसई 12 वीं के मूल्यांकन को लेकर सरकार ने अपने फॉर्मूले को सुप्रीम कोर्ट की बेंच के सामने रखा। इस फॉर्मूले के तहत 10 वीं के अंकों पर 30 प्रतिशत वेटेज, 11वीं के अंकों पर 30 प्रतिशत और 12वीं प्री बोर्ड के अंकों पर 40 प्रतिशत वेटेज मिलेगा। वहीं 12वीं के नतीजे 31 जुलाई तक घोषित किए जाएंगे।
गौरतलब है कि कोविड-19 महामारी के कारण बारहवीं कक्षा की सीबीएसई बोर्ड परीक्षा रद्द कर दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने 12वीं कक्षा के लिए निष्पक्ष मानदंड तय करने के लिए तीन जून को केंद्र सरकार को दो सप्ताह का समय दिया था। सीबीएसई ने इसके लिए चार जून को 13 सदस्यीय समिति का गठन किया था और रिपोर्ट सौंपने के लिए 10 दिन का समय दिया गया था।
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को पत्र लिखकर सुझाव दिया था कि कक्षा 12 के छात्रों के मूल्यांकन के लिए कक्षा 10, 11 और प्री बोर्ड परीक्षा में प्राप्त अंकों को आधार बनाया जाये। केंद्र सरकार ने सीबीएसई कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षाएं रद्द करने का निर्णय एक जून को लिया था और प्रधानमंत्री ने कहा था कि यह निर्णय छात्रों के हित के मद्देनजर लिया गया है।
केंद्र ने कहा कि मूल्यांकन के फॉर्मूले से असंतुष्ट सीबीएसई के छात्र 12वीं कक्षा की परीक्षा दे सकते हैं जो स्थिति के अनुकूल होने पर करायी जाएगी । उधर सुप्रीम कोर्ट में आईसीएसई की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता जेके दास ने कहा कि हमने 10वीं की बोर्ड परीक्षा, प्रोजेक्ट और प्रैक्टिकल के साथ ही स्कूल की परीक्षा में प्रदर्शन के आधार पर मूल्यांकन किया है। हमने सीबीएसई की तरह छात्र के पिछले तीन के अंकों का एवरेज न लेकर छात्र के पिछले 6 साल के रिजल्ट का एवरेज लिया है।
उन्होंने कहा कि पिछले साल केवल 10 छात्र परीक्षा में बैठने के लिए सहमत हुए थे। कृपया हमें रिजल्ट प्रकाशित करने के लिए 30 जुलाई तक का समय दें। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि परिणामों की टुकड़े-टुकड़े घोषणा नहीं हो सकती।