GARIYABAND | तहसील की जमीन को पटवारी ने ही बेच दिया, 7 साल पहले किया था सौदा, निर्माण कार्य शुरू होने पर सामने आयी जालसाजी

गरियाबंद: पटवारी ने धोखाधड़ी करते हुए तहसील की ही जमीन को बेच दिया। फर्जी दस्तावेज तैयार करने के बाद जमीन को किसी और का नाम दिखाते हुए उसका सौदा कर लिया। 7 साल बाद जब उस जमीन पर निर्माण कार्य शुरू होने लगा तब उसकी जालसाजी सामने आयी। पुलिस ने पटवारी सहित दो और लोगों को गिरफ्तार किया है। मामला छुरा थाना क्षेत्र का है।

मिली जानकारी के अनुसार 2014 में प्रदीप पांडेय और भूपेन्द्र सेन ने तहसील कार्यालय के पीछे की जमीन को राजापारा में रहने वाले रमेशर व बिसेशर से नंबर 121 की 0.07 हेक्टेयर जमीन खरीदी थी। इस जमीन के लिए दोनों ने 60-60 हजार रूपये दिए थे। जब 7 साल बाद उन्होंने इस जमीन पर निर्माण कार्य शुरू किया तो उन्हें पता चला कि यह जमीन सरकारी है। इस मामले में उन्होंने थाने में रिपोेर्ट दर्ज करायी।

पुलिस ने जब तहकीकात की तो पता चला कि पटवारी नटेश्वर नायडू के साथ मिलकर रमेशर और बिसेशर ने इस पूरे मामले को अंजाम दिया है। पटवारी के साथ मिलकर जमीन का नामांतरण किया गया था और उनके नाम पर ऋण पुस्तिका भी जारी कर दी। आरोपियों ने इस जमीन को प्रदीप पांडेय और भूपेन्द्र सेन को बेच दिया था।

पुलिस ने पटवारी नटेश्वर नायडू और रमेशर को हिरासत में ले लिया है वहीं बिसेशर की पहले ही मौत हो चुकी है। बताया जा रहा है कि जमीन की कीमत लाखों रूपयों में है।

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