Bussiness Icon | 100 रूपये प्रतिमाह कमाने वाले इस व्यक्ति ने एक आइडिया से खड़ा किया 3000 करोड़ का बिजनेस, आइए आपको भी बताते हैं उनके संघर्ष की कहानी


नई दिल्ली: कर कोई आइस्क्रीम का दिवाना होता है। उम्र चाहे कुछ भी आइस्क्रीम हमारे कल्चर में शामिल हो गयी है। कई कंपनियां हैं जो हमारी जुबां पर चढ़ी हुई हैं। हम आपको आज जिस शख्सियत के बारे में बता रहे हैं उन्होंने एक छोटे से स्टोर से अपना बिजनेस शुरू किया और आज पूरे देशभर में उनके 125 स्टोर्स हैं। उनका सालाना टर्नओवर 3000 करोड़ के करीब है।

अभावों और संघर्षों में बीता बचपन
हम बात कर रहे हैं ‘नेचुरल आइसक्रीम’ नामक प्रसिद्ध ब्रांड की आधारशिला रखने वाले रघुनंदन एस कामथ की। कर्नाटक के पुत्तुर तालुका में मुलकी नामक एक छोटे से गांव में जन्में और पले-बढ़े रघुनंदन के पिता पेड़ों और फल बेचने का धंधा किया करते थे, जिससे मुश्किल से 100 रुपये प्रति माह की कमाई हो पाती थी। रघुनंदन कुल सात भाई-बहन थे, किसी तरह माँ खुद का पेट काट बच्चों का भरण-पोषण किया करती थी। अभावों और संघर्षों के बीच ही इनका बचपन बीता और जैसे ही ये थोड़े बड़े हुए काम की तलाश करने शुरू कर दिए।

खुद की सेंविग्स पर जोर दिया
महज 15 वर्ष की उम्र में उन्होंने मुंबई का रुख करने का निश्चय किया और वहां अपने एक रिश्तेदार के भोजनालय में काम करने शुरू कर दिए। जुहू के एक 12 बाई 12 फुट कमरे में उन्होंने अपनी रात बितानी शुरू कर दी। कम जगह और ज्यादा लोग होने की वजह से उन्हें खाट के नीचे सोना पड़ता था। रघुनंदन को इस बात का बखूबी अहसास हो चुका था कि गरीबी से मुक्ति पाने के लिए कुछ न कुछ अपना कारोबार तो शुरू करना ही पड़ेगा। इसी उद्देश्य से आगे बढ़ते हुए उन्होंने अपना काम जारी रखा, खुद की सेविंग्स पर हमेशा जोर देते रहे और अपने आस-पास कारोबार की संभावनाओं को भी तलाशने शुरू कर दिए। रघुनाथन का परिवार पहले से ही फल के कारोबार से जुड़ा था तो इन्होंने फल से संबंधित कारोबार पर ज्यादा फोकस किया।

10 आइस्क्रीम से की शुरूआत
इसी दौरान एक दिन एक आइसक्रीम की दुकान पर रघुनाथन को एक आइडिया सूझा। उन्होंने सोचा कि “यदि आइसक्रीम में फलों का स्वाद हो सकता है, तो इसके बजाय वास्तविक फल से ही आइसक्रीम क्यों नहीं बन सकते?” हालांकि उन्हें भी यह पता नहीं कि उनका यह आइडिया बेहद क्रांतिकारी साबित होगा और आने वाले समय में वह देश के नामचीन उद्योगपति की सूचि में शामिल होंगे। अपने आइडिया के साथ आगे बढ़ने का फैसला करते हुए उन्होंने अपनी खुद की सेविंग्स से साल 1984 में मुंबई में चार कर्मचारी की मदद से स्ट्रॉबेरी, आम और सेब जैसे स्वाद वाली 10 आइसक्रीम के साथ शुरुआत की।

पूरे भारत में हैं 125 स्टोर्स
लोगों ने उनके आइसक्रीम को काफी सराहा और इस सराहना से उनके हौसले को नई उड़ान मिली। एक के बाद एक उन्होंने नए-नए प्राकृतिक फलों जैसे लीची और आम सहित 150 से ज्यादा स्वादों वाली आइसक्रीम परोसते हुए देश की एक नामचीन ब्रांड के मालिक बन गए। वर्तमान में भारत भर में उनके 125 स्टोर हैं, जिनमें 5 स्टोर सीधे नियंत्रण के साथ हैं और शेष फ्रेंचाइज्ड के रूप में। देश के लगभग सभी राज्यों में अपनी पैठ जमाते हुए आज कंपनी का वैल्यूएशन 3,000 करोड़ के पार है।

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