BALOD | यह पूरा गांव ही है थाना, इस पंचायत में किया यह काम तो लगेगा 50 हजार का जुर्माना

बालोद: जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूरी पर बसा 1700 की जनसंख्या वाली आबादी वाला गांव है कुरदी. यहां न तो अवैध रूप से शराब बिकती है और न ही खुले में शराब पीया जाता है. सट्टा पर भी यहां पूरा प्रतिबंध है. अगर कोई चोरी-छिपे शराब बेचते या पीते हुए पाया जाता है तो उसे सजा के तौर पर ग्राम पंचायत को जुर्माना देना होता है.

दरअसल, 4 माह पहले कुरदी गांव में दर्जनों लोग शराब दुकान से बड़ी संख्या में शराब लेकर गांव में अवैध रूप से बेचते थे. जिसके चलते सार्वजनिक स्थानों में शराबियों का जमावड़ा लगा रहता था. शराब पीने के बाद गांव में विवाद की स्थिति पैदा करते थे. आए दिन गांव में शराबियों से जुड़े विवाद सामने आते रहते थे. इसको लेकर ग्रामीण काफी परेशान हो गए थे.

इसी वर्ष जुलाई माह में ग्रामीणों और ग्राम विकास समिति के सदस्यों की मौजूदगी में पंचायत में एक बैठक आयोजित हुई. बैठक में मौजूद लोगों की सहमति से यह फैसला हुआ कि गांव में अगर कोई शराब बेचता है तो उसे 10 हजार रुपये जुर्माना पंचायत को देना होगा. अगर कोई अवैध रूप से शराब खरीदता है तो उसे 15 हजार रुपये जुर्माना देना होगा.

कुरदी गांव में शराब बेचने वाले 12 लोगों से जुर्माने के तौर पर 30 हजार रुपए वसूले जा चुके हैं. सट्टा लिखने वाले दो व्यक्तियों से 50 हजार रुपए जुर्माने के तौर पर वसूला गया है.
इसके अलावा खुले में सार्वजनिक स्थान पर बैठकर कोई शराब पीते दिखा तो उसे भी 500 रुपये दंड के रूप में पंचायत में जमा कराना होगा. यही नहीं अगर गांव में कोई सट्टा लिखते पाया गया तो सीधे 50 हजार रुपये जुर्माना देना होगा.

अवैध काम पर लगाम लगाने के लिए कुरदी गांव के सार्वजनिक स्थानों में 21 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. यह इसलिए ताकि शराब बेचने, शराब पीने वाले और सट्टा खेलने वालों पर निगरानी रखी जा सके. सरपंच बताते हैं कि जुलाई माह से पहले अवैध रूप से शराब बेचने वाले 12 लोगों से जुर्माने के तौर पर 30 हजार रुपए वसूले जा चुके हैं, तो वही सट्टा लिखने वाले दो व्यक्तियों से 50 हजार रुपए जुर्माने के तौर पर वसूला गया है. अब तक अवैध काम करने वालों से 80 हजार रुपए वसूले जा चुके हैं.

जिस पैसे को गांव के विकास के लिए उपयोग में लाया जाएगा. अगर शराब बेचने, शराब पीने वाले और सट्टा लिखनेवाले की जानकारी अगर कोई पंचायत के जनप्रतिनिधियों को देता है तो उसे 500 रुपये पुरस्कार के तौर पर दिया जाएगा. उसका नाम भी गोपनीय रखा जाएगा.

ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों का यह फैसला मानों गांव में चमत्कार कर गया. बैठक में जारी किए फरमान के बाद पांच माह से गांव में न शराब बिकता है और न ही कोई खुले में शराब पीता है. सट्टा लिखने वालों का कारोबार भी बंद हो गया है जिसके चलते गांव में शांति का माहौल है.

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