ओडिशा में मंत्री की हत्या के वे 10 खौफनाक सेकंड, एक गोली आर-पार, पैर छू रहे शख्स के कंधे को छील गई दूसरी गोली

भुवनेश्वर: ठांय, ठांय, ठांय… उसने कुल पांच गोलियां दागीं। पहली गोली मंत्री के सीने को पार कर गई, वह गिर पड़े लेकिन वह नहीं रुका। सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी ने ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री की हत्या कर दी। रविवार दोपहर जब यह खबर आई तो लोगों को इंदिरा गांधी हत्याकांड की यादें ताजा हो गईं। सुरक्षा में तैनात दो जवानों ने ही तब गोली मारकर पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या कर दी थी। मिनिस्टर की सुरक्षा का एक प्रोटोकॉल होता है लेकिन

जब सिक्योरिटी में तैनात ASI ही हमलावर बन जाए, तो चिंता बढ़नी लाजिमी है। फायरिंग के वो 10 सेकंड इतने खौफनाक थे कि वहां मौजूद कार्यकर्ता अब भी शायद सदमे में होंगे। बीजू जूनता दल के वरिष्ठ नेता और प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री नब किशोर दास रविवार को एक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद ब्रजराजनगर की तरफ निकले थे।

उन्हें झारसुगुड़ा से 10 किमी दूर गांधी चौक पर BJD के कार्यालय का उद्घाटन करना था। दोपहर 12.10 मिनट पर उनका काफिला पहुंच रहा था। हर तरफ नारेबाजी का शोर था। कार का गेट खुला और आगे जो हुआ, पढ़कर आप हैरान रह जाएंगे।

पहली गोली चली और

मिनिस्टर कार से उतरे और पास खड़े कुछ कार्यकर्ता उनके पैर छूने के लिए आगे बढ़े। इसमें कुछ अलग नहीं था, देश में यह एक आम चलन है। पास में ही सुरक्षा में तैनात गांधी चौक पुलिस चौकी का जवान ASI गोपाल दास पहले से ताक में था। मौका पाकर वह भीड़ में घुसा और मंत्री के पास पहुंच गया। झट से उसने अपनी सर्विस रिवॉल्वर से मंत्री पर फायर कर दिया। उस समय वह मिनिस्टर के बिल्कुल करीब था। ठांय… पहली गोली स्वास्थ्य मंत्री के सीने पर बाईं तरफ लगी। मंत्री जी वहीं गिर पड़े।

कोई कुछ समझ पाता तब तक दूसरा फायर हो गया। ठांय… उसी समय एक कार्यकर्ता पैर छूकर उठ रहा था जिससे हमलावर का हाथ हिल गया और गोली की दिशा बदल गई। हालांकि एएसआई गोपाल दास नहीं रुका। बताते हैं कि उसने कुल पांच राउंड गोलियां चलाईं। बाद में कार्यकर्ताओं ने उस हमलावर को पकड़कर पीट दिया। इधर, मिनिस्टर गेट के पास ही जमीन पर गिर गए थे। उन्हें पकड़कर सीट पर लिटाया गया और अस्पताल ले जाया गया।

फेफड़े को गंभीर चोट, बह गया खून

भुवनेश्वर में अपोलो अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि एक गोली मंत्री के सीने को चीरते हुए पार कर गई थी। गोली से उनके फेफड़े को गंभीर चोट पहुंची थी। बहुत ज्यादा खून बह गया था। डॉक्टरों की टीम ने उनका ऑपरेशन किया लेकिन बचाया नहीं जा सका। तीन बार से विधायक नब किशोर दास कांग्रेस छोड़कर बीजेडी में आए थे। वह राज्य के अमीर मंत्रियों में से एक थे। उस समय उनकी काफी चर्चा हुई थी, जब दास ने महाराष्ट्र के मशहूर शनि शिंगणापुर मंदिर में एक करोड़ रुपये का सोने का कलश दान किया था। उनके पास 80 गाड़ियां बताई जाती हैं। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वास्थ्य मंत्री की हत्या पर गहरा दुख जताया है।

आरोपी गोपाल को मानसिक रूप से बीमार बताया जा रहा है। परिवारवाले कह रहे हैं कि गोपाल का 8 साल से इलाज चल रहा है। लेकिन इस तरह सुरक्षा के लिए जिम्मेदार गार्ड के ही हमलावर बनने की खबर ने देशवासियों को चिंता में डाल दिया है। आने वाले समय में मंत्री, अधिकारियों, जजों की सुरक्षा के प्रोटोकॉल में इस पहलू को ध्यान में रखना होगा।

कब क्या हुआ, समझिए

सुबह 10.55 बजे मंत्री दास झारसुगुड़ा एयरपोर्ट पर उतरे। वह भुवनेश्वर से हेलिकॉप्टर में आए थे। उन्हें कई कार्यक्रमों में शामिल होना था।
11.10 बजे उन्होंने झारसुगुड़ा टाउनशिप में एक माइक्रो एक्टिविटी सेंटर का उद्घाटन किया।
12.10 बजे मिनिस्टर को एएसआई गोपाल दास ने गोली मार दी। वह ब्रजराजनगर म्यूनिसिपलिटी चेयरपर्सन के नए ऑफिस का उद्घाटन करने पहुंचे थे। एएसआई को हिरासत में लिया गया।
12.25 बजे मंत्री को जिला मुख्यालय अस्पताल ले जाया गया।
दोपहर 1 बजे उन्हें जिला मुख्यालय अस्पताल से भुवनेश्वर ले जाने की तैयारी शुरू हो गई।
2 बजे दो डॉक्टरों, एक नर्स और उनके बेटे विशाल दास को लेकर एक प्राइवेट चार्टर्ड प्लेन भुवनेश्वर के लिए उड़ चला।
3.30 बजे नब दास को भुवनेश्वर में प्राइवेट अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने सर्जरी की।
शाम 7.30 बजे अस्पताल ने बयान जारी कर मिनिस्टर के निधन की घोषणा की।

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