RAJNANDGAON | रकबे में कटौती से परेशान किसान ने खुदकुशी कर ली, भाजपा नेताओं ने सरकार को फिर घेरा

राजनांदगांव: छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में एक किसान ने खुदकुशी कर ली। डोंगरगांव ब्लाक के ग्राम केरेगांव निवासी किसान सुरेश नेताम ने रकबे में कटौती से परेशान होकर खुदकुशी की है। खुदकुशी से कुछ दिन पहले किसान धान बेचने के लिए टोकन लेने सहकारी समिति गया था, जहां उसे तीन एकड़ 80 डिसमिल की खेती रकबा महज डेढ़ एकड़ का बताया गया, जिससे वह निराश होकर घर लौट आया था। किसान की मौत के बाद परिवार शोक में डूबा हुआ है। सुरेश की तीन बेटियां है, जिसमें एक 13 वर्ष, 11 वर्ष और एक तीन साल की है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। वहीं किसान की मौत पर भाजपा नेताओं ने सरकार को फिर घेरा है। 

मृतक सुरेश की पत्नी गैंदकुंवर ने बताया कि इसे लेकर किसान दो-तीन बार पटवारी से मिला, लेकिन रकबा में किसी तरह की कोई बढ़ोत्तरी नहीं की गई। धान बोनी सहित खेती का किसान पर कर्ज भी था। इसी परेशानी को लेकर किसान सुरेश ने 15 दिसंबर की रात अपने घर में ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। गैंदकुंवर न बताया कि रकबा नहीं बढ़ाए जाने से तीन-चार दिनों तक वे लगातार परेशान थे। इधर मामला उजागर होने के बाद प्रशासन ने इसकी जांच की, जिसमें बताया जा रहा है कि रबके को लेकर किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं थी। मृतक की पत्नी के आरोप लगाए जाने के बाद प्रदेश में किसानों की आत्महत्या को लेकर फिर सियासत गर्म हो गई है।

गिरदावरी के आधार पर पंजीयन किया गया 
मामले में जिला प्रशासन रकबे में कोई समस्या नहीं होने की जानकारी देकर पल्ला झाड़ रहा है। प्रशासन ने मामले की जांच कराई है, जिसमें बताया गया कि मृतक के धान के रकबे व पंजीयन में किसी तरह की त्रुटि नहीं की गई है। गिरदावरी के आधार पर ही धान बिक्री के लिए पंजीयन किया गया था। गिरदावरी के अनुसार मृतक के संयुक्त खाते का भूमि रकबा 1.538 हेक्टेयर में से रकबा 0.825 हेक्टेयर पर धान बोया था, जिसके अनुसार रकबा 0.825 हेक्टेयर का पूर्ण पंजीयन हुआ है। सुरेश की आत्महत्या के मामले में भाजपा किसान मोर्चा के हिरेंद्र साहू ने कहा कि राज्य सरकार खुद को किसान हितैषी बताकर अन्नदाताओं से ही वादाखिलाफी कर रही है।

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