जान है तो जहान है कहने वाले प्रधानमंत्री बच्चों को संक्रमण के जोखिम में डाल रहे हैं: अमरजीत भगत


सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करेंगे, उससे पहले परीक्षा स्थगित करवाने के प्रयास नहीं छोड़ेंगे: कैबिनेट मंत्री अमरजीत भगत

रायपुर: कोरोना संकटकाल में जेईई और नीट परीक्षाएँ आयोजित करने पर कैबिनेट मंत्री अमरजीत भगत ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला। छत्तीसगढ़ के भाजपा नेता अजय चंद्राकर के ट्वीट पर भी उन्हें आड़े हाथों लिया। उन्होंने प्रेसवार्ता में कहा कि ‘आज हमारा देश कोरोना जैसे बड़े संकट से गुज़र रहा है। कुल मामले 33 लाख से ज्यादा हो गए हैं और सक्रिय मामले 7 लाख 72 हज़ार से ज़्यादा है। नए मामलों की संख्या में कमी नहीं आ रही है। ऐसे समय में आईआईटी-जेईई और नीट परीक्षाएँ आयोजित कर सरकार लाखों बच्चों को जोखिम में डाल रही है।

कोविड-19 के जोखिम को देखते हुए बच्चों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दाखिल की थी, जिसे अस्वीकार करते हुए माननीय सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय नेट परीक्षण को परीक्षा की अनुमति दी थी। इस पर छत्तीसगढ़ के कैबिनेट मंत्री अमरजीत भगत समेत पाँच अन्य राज्यों के मंत्रियों ने संयुक्त रूप से पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी। मुख्य़मंत्री भूपेश बघेल ने कहा था कि वे परीक्षार्थियों को परीक्षा भवन तक पहुँचाने के लिये साधन की व्यवस्था करेगी। इस संबंध में भाजपा मंत्री ने ट्वीट करके राज्य सरकार की मंशा पर सवाल उठाया। जिस पर पलटवार करते हुए खाद्य मंत्री अमरजी भगत ने कहा “हमारा पूरा प्रयास है कि बच्चों को कोविड संक्रमण के जोखिम से बचाने के लिये परीक्षा को स्थगित कराया जाए। अगर परीक्षा स्थगित नहीं होती फिर परीक्षार्थियों के परीक्षा केंद्र तक पहुंचाने की व्यवस्था राज्य सरकार करेगी, परिस्थिति जो भी हो हम तैयार हैं।

साथ ही मंत्री भगत ने अजय चंद्राकर के ट्वीट को राजनीति से प्रेरित बताते हुए पूछा कि दलगत राजनीति से उठकर उन्होंने संक्रमणकाल में जेईई और नीट परीक्षाएँ स्थगित करवाने के लिये क्या प्रयास किये। कैबिनेट मंत्री अमरजीत भगत का कहना था कि एक तरफ कोविड, दूसरी तरफ परीक्षा का दबाव, यह बच्चों की मानसिक अवस्था पर बहुत बुरा प्रभाव डाल सकता है। किशोरवय बच्चों का मन वैसे ही नाजुक स्थिति से गुज़र रहा होता है। उन्होंने राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी और केंद्र सरकार से यह भी पूछा कि ‘जो परीक्षार्थी असम-बिहार राज्यों के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र से आते हैं और जो कहीं फँसे हुए हैं, किस तरह इस परीक्षा में शामिल हो पाएंगे? साथ ही, वो बच्चे जो स्वयं संक्रमित होंगे, उनका क्या होगा। क्या उनका साल बर्बाद नहीं होगा।

लॉकडाउन के बाद से ही सारे शिक्षण व कोचिंग संस्थान बंद हैं, बच्चों की तैयारियाँ अधूरी हैं। ऐसे में जेईई और नीट की परीक्षाएँ आयोजित करने का परीक्षार्थी लगातार विरोध कर रहे हैं। कांग्रेस भी खुलकर इस मामले छात्रों के साथ खड़ी हो गई है और लगातार केन्द्र सरकार पर हमलावर है।

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