20 साल के युवक का दिल लेफ्ट से राईट में हो गया, फेफड़े पिचक गये थे; फिर मेकाज के डाॅक्टरों ने किया कमाल निडिल और एयर टूयूब से बचाई जान

सोहैल रज़ा

जगदलपुर : मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन डिपार्टमेंट के डाॅक्टरों की सूझबूझ और हिम्मत से एक 20 साल के युवक की जान बच गई हैं। दो दिनों पहले महारानी हास्पिटल से रेफर होकर एक केस मेकाज पहुंचा था। जिस युवक को महारानी हास्पिटल से रेफर किया गया था उसे सांस लेने में दिक्कत थी।

मेकाज पहुंचते ही डाॅक्टरों ने युवक के सीने का एक्स-रे करवाया तो डाॅक्टरों के होश उड़ गए। युवक के फेफडे पूरी तरह से सिकुड़ चुके थे और दिल भी लेफ्ट साईड से राईट साईड में चला गया था। इसके बाद डाॅक्टरों को पूरी कहानी समझ आ गई और इलाज शुरू किया गया।

सिकुड़े हुए फेफड़े का एक्स – रे

मेडिसिन डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ जॉन मसीह ने बताया कि युवक ब्रिथिंग डिफिकल्टी और चेस्ट पेन की शिकायत कर रहा था। हमने जब उसका एक्सरे किया तो हार्ट राईट साईड में शिफ्ट हो चुका था इसे वेक्सोकार्डिया कहते हैं।

जिसके चलते लंग्स की केवीटी में एयर भर गया था। सामान्य शब्दों में उसके फेफड़े सिकुड गये थे। मेडिकल भाषा में फेफड़ों को सिकुड़ने को निमोथोरेक्स कहा जाता है। हमें पहली जांच में समझ आ गया था कि फेफड़ों में भरे एयर को बाहर निकालने से ही युवक की जान बच पाएगी।

चूंकि इससे पहले ऐसा केस मेकाज में हैंडल नहीं किया गया था और यदि तत्काल युवक का इलाज शुरू नहीं किया जाता तो उसकी मौत होने का खतरा था। ऐसे में हमने निर्णय लिया कि एक वाटर सील उसके फेफेड़ों में डाली जाये और निडिल डालकर पहले पानी निकाला जाये। हमने ऐसा ही किया और हमारा यह प्रयास सफल रहा।

फेफड़ों से पानी निकालने के बाद हमने सर्जरी डिपार्टमेंट के डाॅक्टरों की मदद से युवक के फेफड़ों में एक ट्यूब लगवाई और एयर भी बाहर निकाला। इन प्रयासों के बाद युवक का हार्ट अपने स्थान पर आ गया। अभी युवक पूरी तरह से स्वस्थ है और गुरूवार को उसे डिस्चार्ज कर दिया गया है।

स्वस्थ्य होने के बाद का एक्स रे

एक्सरसाईज करने के दौरान एयर ब्लैक्स का हुआ शिकार

डाक्टरों ने जानना चाहा , कि अचानक 20 साल का युवा ऐसी परेशानी में कैसे पड़ गया। डाॅक्टरों ने जब युवक से उसकी हिस्ट्री पूछी तो उसने बताया कि वह स्मोकिंग करता है और जमकर एक्सरसाईज भी करता है।

हालांकि अभी पिछले एक डेढ़ महीने से वह एक्सरसाईज नहीं कर रहा था। ऐसे में अब डाॅक्टर अंदाजा लगा रहे हैं कि एक्सरसाइज करने के दौरान वह स्पोंडियस का शिकार हो गया होगा। साधरण शब्दों में कसरत करने के दौरान फेफडे में जो छोटे-छोटे एयर ब्लैक्स होते हैं वह राप्चर हो गये होंगे और एयर लीक हो गई होगी और इस एयर की वजह से फेफड़े सिकुड़ गये और हार्ट ने भी अपना स्थान बदल दिया।

इन डाॅक्टरों की टीम ने किया युवक का इलाज

टीम लीडर डॉ. जॉन मसीह, डाॅ. संजय मंडावी, डाॅ. कमलेश ध्रुव, डाॅ राघवेंद्र चौबे, डॉ. मिथिलेश देवांगन, इंटर्न और नर्सिंग स्टाफ।

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