भ्रष्टाचार / दो साल से लंबित फाइल अब जाकर खुली, एक साथ सात इंजीनियरों को क्लीन चिट

बिलासपुर: महाराणा प्रताप चौक से मंगला चौक के बीच बने गौरव पथ के निर्माण में बरती गई लापरवाही व भ्रष्टाचार के आरोप से राज्य शासन ने निगम के सात इंजीनियरों को क्लीन चिट दी है. शासन की जांच रिपोर्ट संबंधित फाइल नगर निगम पहुंच चुकी है. 250 पन्ने की जांच रिपोर्ट में शासन ने इंजीनियरों के बजाय इस पूरे मामले के लिए कंसलटेंट कंपनी को दोषी ठहराया है.

13 करोड़ की लागत से बनी गौरव पथ के निर्माण में लापरवाही व भ्रष्टाचार के आरोप में सात इंजिनियरों के खिलाफ हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी. जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद डिवीजन बेंच ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर इस पूरे मामले की जांच कराने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए थे.  कोर्ट के निर्देश पर लोक निर्माण विभाग के तत्कालीन सचिव के अलावा नगरीय प्रशासन विभाग ने चीफ इंजीनियर की अगुवाई में गौरव पथ की जांच पड़ताल की गई थी. जिसके बाद इस पूरे मामले के लिए इंजीनियरों के बजाय कंपनी को दोषी ठहराया गया.

प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के बाद राज्य शासन ने सहायक अभियंता आरके साहू व श्याम मनोहर उज्जैनी को दोषी ठहराते हुए निलंबित कर दिया था. लेकिन अब जाँच की रिपोर्ट दो साल बाद सार्वजानिक कर दी गयी है. रिपोर्ट की कॉपी नगर निगम भेज दी गई है, लेकिन अब तक रिपोर्ट की पूरी जानकारी नही मिल पाई हैं.

    

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