1 लाख की हेराफेरी के मामले में लेखापाल और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी पर कार्यवाही के निर्देश

गरियाबंद– 1 लाख रु के हेराफेरी के मामले में उदंती टाइगर रिजर्व कार्यालय के लेखापाल और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी पर कार्यवाही के निर्देश सी एफ ने दिए हैं मामले में दस्तावेजों से छेड़छाड़ कर एक कर्मचारी के इलाज के लिए स्वीकृत की गई राशि मैं अंक बदलकर एक लाख रुपए की हेराफेरी के संकेत मिले हैं।

उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व कार्यालय में एक लाख रूपए लोकधन गबन के मामले में सालभर के जांच बाद लेखापाल और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी पर गिरी कार्यवाही की गाज

गरियाबंद के उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व कार्यालय में फर्जी देयक बनाकर एक लाख रूपए गबन करने वाले दो कर्मचारियो के उपर कार्यवाही की गाज गिरी की है। मुख्य वन संरक्षक रायपुर ने मामले की जाचं के बाद गबन की शिकायत सही पाए जाने पर फर्जीवाड़े में शामिल दोनो कर्मचारियो के विरूध्द कार्यवाही के आदेश जारी किए है। मुख्य वन संरक्षक ने फर्जी देयक तैयार करने वाले तत्कालिक लेखापाल स्थापना प्रभारी आईएस जगतवंशी के विरूध्द आरोप पत्र तैयार करने तथा दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी किशोर साहू को तत्काल कार्य से पृथक करने के निर्देश उप निदेेशक उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व गरियाबंद को दिए है। इस संबंध में 09 अक्टुबर को मुख्य वन संरक्षक रायपुर का पत्र क्रमांक 19/6720 जारी हुुआ है। जिसमें 16 अक्टुबर तक कार्यवाही कर जानकारी देने के निर्देश उदंती सीतानदी के उपनिदेशक को दिए है।

क्या है मामला –

उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में वाहन चालक के पद पर कार्यरत स्व. वेंकटराव की वर्ष 2017 में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। उन्हें उपचार के लिए एनएचएमएमआई हास्पीटल रायपुर में भर्ती कराया गया था। वेंटकराव की मृत्यु उपरांत उनके पत्नी कांतिबाई के द्वारा उपचार हेतु किए गए व्यय की प्रतिपूर्ति राशि 2 लाख 9 हजार 602 रूपए की मांग नियमानुसार सिविल सर्जन सह अस्पताल अधीक्षक से की थी। जिस पर सिविल सर्जन द्वारा 1 लाख 64 हजार 502 रुपए की राशि भुगतान हेतु स्वीकृत भी कर दी गई थी।

कुट रचना से तैयार किए दस्तावेज –

इस मामले में विभागीय कर्मचारियो ने एक लाख रूपए गबन करने के उद्देश्य से शासकीय दस्तावेजो में कांट छाट कर स्वीकृत राशि में एक लाख रूपए बढाकर भुगतान कर दिया। जबकि अस्पताल अधीक्षक द्वारा 1 लाख 64 हजार 502 रुपए पारित कर उप निदेशक कार्यालय उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व गरियाबंद को भेजा गया था। जिस पर तत्कालीन लेखापाल व स्थापना प्रभारी आईएस जगतवंशी तथा दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी किशोर साहू द्वारा एक लाख रूपए लोकधन का गबन करने के उद्देश्य से सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक के द्वारा प्रमाणित पत्र क्रमांक 1019 में अंकित राशि 2 लाख 9 हजार 602 को कांट छांट कर उसे 3 लाख 9 हजार 602 कर दिया, साथ ही सिविल सर्जन द्वारा स्वीकृत राशि 1 लाख 64 हजार 502 रु को कांट छांट कर 2 लाख 64 हजार 502 कर दिया एवं बीटीआर क्रमांक 3771154 बिल सिरियल नं 2001022862 जिला कोषालय को भेज दिया गया। उपरोक्त फर्जी बीटीआर क्रमांक एवं बिल के आधार पर 2 लाख 64 हजार 502 रु की राशि मृतक के पुत्र ने प्राप्त भी कर ली।

इधर मामले में फर्जीवाडे़ की बात सामने आने के बाद गरियाबंद देवारपारा के भुवन बंजारे सहित अन्य कर्मचारियो ने इसकी शिकायत पुलिस और वन विभाग के उच्च अधिकारियो से लिखित में थीं। मामले पहले तो जांच अधिकारियो द्वारा दबाने की पूरा प्रयास किया गया है, इसे लिपिकीय त्रृटि बताकर मामले को रफा दफा करने की कोशिश की गई है। परंतु शिकायर्ता गबन से संबंधित समस्त प्रमाणित दस्वावेज के साथ लगातार कार्यवाही के लिए उच्च अधिकारियो तक जुटे रहे। कार्यवाही से बचने आरोपियो ने गबन की गई एक लाख की राशि को भी आनन फानन में 11 माह बाद फिर से उपनिदेशक टायगर रिजर्व कार्यालय के खाते में जमा करा दिया था परंतु जांच में फर्जीवाड़े का खुलासा हो गया।

क्या लिखा है पत्र में –

मुख्य वन संरक्षक रायपुर द्वारा जारी पत्र में उल्लेख है कि जांच प्रतिवेदन में सिविल सर्जन गरियाबंद द्वारा पारित बिल में राशि दो जगहों पर अलग-अलग अंकित होने के कारण लिपिकीय त्रुटिवश अधिक राशि का भुगतान किया जाना बताया गया है। जबकि सिविल सर्जन संह मुख्य अस्पताल अधीक्षक गरियाबंद द्वारा जारी चिकित्सा बिल प्रमाण का परीक्षण किये जाने पर प्रमाण पत्र में स्पष्ट रूप से पारित योग्य कुल राशि अंकों में 164502 रूपए तथा शब्दों में एक लाख चैसठ हजार पांच सौ दो रूपए स्पष्ट रूप से अंकित है। उक्त से स्पष्ट है कि लिपिक आई एस जगतवंशी तत्कालिक स्थापना प्रभारी एवं उनके सहायक कमल किशोर साहू दैनिक वेतन भोगी द्वारा जानबूझकर कूट रचना कर 264502 रूपए का फर्जी देयक तैयार कर कोषालय से पारित कराया गया गया है।

इसमें फर्जी देयक तैयार कर कोषालय से पारित करवाये जाने हेतु आई.एस. जगतवंशी लेखापाल विरूद्ध आरोप पत्र तैयार कर 16 अक्टुबर तक प्रस्तुत करने तथा कमल किशोर साहू दैनिक वेतन भोगी को नियमानुसार तत्काल कार्य से पृथक करते हुए मुख्य वन संरक्षक कार्यालय को अवगत कराने का निर्देश दिया गया हैं।

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