बिलासपुर: जांजगीर-चांपा के पूर्व कलेक्टर जनक प्रसाद को बिलासपुर हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत मिल गयी है। एनजीओ से जुड़ी एक महिला ने उन पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था। जिसके बाद उन्होंने अग्रिम जमानत की याचिका दायर की थी।
आपको बता दें कि एनजीओ की महिला ने आरोप लगाया था कि जब वह 13 मार्च को एनजीओ के काम से पहली बार जनक पाठक से उनके चैंबर में मिली थी। तो उन्होंने महिला का नंबर ले लिया, उसके बाद पाठक ने अश्लील मैसेज करना, वीडियो भेजना और गंदी बातें करना शुरू कर दिया था। महिला ने उन सभी का स्क्रीन शाॅट लेकर पुलिस को सौंप दिया था।
पीड़िता ने बताया कि वह महिला को बार-बार मिलने के लिए बुला रहे थे लेकिन वह उनसे मिलना नहीं चाह रही थी। पाठक ने उसके पति को नौकरी से निकालने की धमकी भी दी थी। 15 मई को जब वह काम के सिलसिले में पाठक के मिलने कलेक्टरेट कई तो जोर-जबरदस्ती से उन्होंने अपने चैम्बर में उसके साथ दुष्कर्म किया।
पीड़िता ने पुलिस में एफआईआर दर्ज करायी, जिसके बाद जेपी पाठक ने अग्रिम जमानत के लिए याचिका लगायी थी। जस्टिस अरविंद चंदेल की बेंच ने याचिका स्वीकार करते हुए जनक प्रसाद को अग्रिम जमानत दे दी है।