Vidhansabha | अजीत जोगी की आत्मकथा का नाम होगा ‘सपनों का सौदागर’, रेणु जोगी ने इस गुरूदक्षिणा के लिए जताया सीएम का आभार

रायपुर: विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन दिवंगत नेता अजीत जोगी को श्रद्धांजलि दी गयी। इस मौके पर उनकी आत्मकथा के बारे में बात करते हुए डाॅ रेणु जोगी बेहद भावुक हो गयी। उन्होंने कहा कि सदन ने उनकी आत्मकथा का नाम ‘सपनों का सौदागर’ रखने में बेहद मदद की है, जिसके लिए वह सभी की आभारी हैं। उनकी आत्मकथा एक महीने में पेश हो जाएगी।

आत्मकथा के विषय में बात करते हुए उन्होंने कहा कि लाॅकडाउन के दौरान अजीत जोगी ने दो-दो घंटे सुबह-शाम लिखकर पूरी की। रेणु जोगी ने कहा कि वह सचमुच सपनों के सौदागर थे। वह दिन में भी सपने देखते थे और उसे पूरा करने के लिए जुट जाते थे। गौरेला जिला बनाने की उनकी अंतिम इच्छा को पूरा करने के लिए उन्होंने सीएम को धन्यवाद देते हुए कहा कि गुरुदक्षिणा देने के लिए आपको धन्यवाद।

चर्चा में भाग लेते हुए पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ रमन सिंह ने कहा कि अजीत जोगी सपनों के सौदागर का चले जाना बहुत बड़ी क्षति है। वह अंतिम समय तक लोगांे की सेवा करते रहे। व्हील चेयर पर बैठे हुए वह पूरे प्रदेश की यात्रा करते, यह जीवटता सिर्फ उनके ही अंदर थी।

विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ की नींव अजीत जोगी ने रखी थी। बहुत से लोगों ने उनकी उंगली पकड़कर राजनीति सीखी है। वो बहुत जल्दी चले गए, उनको हम कभी भूला नहीं सकते। मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि आईएएस की सेवा में मेरे पिता के साथ एक अधिकारी के साथ रहे। हमारे परिवारिक संबंध भी थे।

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