रायपुर: धान खरीदी को लेकर विपक्ष सरकार पर जमकर निशाना साध रहा है। भाजपा ने राज्य सरकार को घेरते हुए किसान अगेंस्ट भूपेश कैंपेन भी चलाया है, जिसमें वह सरकार से चार सवाल पूछ रही है। इस कैंपेन के तहत सरकार के कामकाज को लेकर भाजपा तीखा प्रहार कर रही है। काम के न धाम के, सरकार चलाएंगे इल्जाम पे वाली थीम पर बीजेपी अपना जबरदस्त विरोध दर्ज करा रही है।
भाजपा ने सरकार से सवाल किया है- क्या पिछले साल केंद्र सरकार ने एफसीआइ के माध्यम से 28.1 लाख मीट्रिक टन चावल का कोटा छत्तीसगढ़ को नहीं दिया था? अभी तक पिछले साल का दो लाख मीट्रिक टन चावल एफसीआइ में क्यों जमा नहीं हुआ? पिछले वर्ष का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1815 रूपये प्रति क्विंटल और 350 रूपये का हैंडलिंग चार्ज जोड़ें तो यह रकम नौ हजार 25 करोड़ नहीं होती?
भाजपा ने कहा कि फिर प्रदेश सरकार क्यों केन्द्र सरकार पर आरोप मढ़ रही है। किसानों के साथ धोखाधड़ी को भूपेश सरकार करी है। भूपेश सरकार एकदम मौन, धान ल बिसाही कौन यहां चरितार्थ हो रही है। बीजेपी ने कहा कि जब प्रदेश में भाजपा की सरकार थी तो बारदाने कम पड़े, न रकबा घटना, न कोई अवैध वसूली हुई और पर्याप्त धान खरीदी हुई। हमने पेमेंट भी समय पर की। अब तो सभी को यह फर्क साफ दिख रहा है।
जब से प्रदेश में भूपेश सरकार है तब से बारदानों की किल्लत हो गयी, रकबा घट गया, अवैध वसूली की जा रही है, धान खरीदी केन्द्र बदहाल हैं और तो और किसानों को पैसा भी समय पर नहीं मिल रहा है। इस मसले पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा, किसानों को उनका हक देना पड़ेगा, जो वादा किया है, वो निभाना पड़ेगा, नहीं तो भूपेश को कुर्सी छोड़ना पड़ेगा।