PM केयर फंड में ‘चीन’ ने दिया डोनेशन, सीएम भूपेश ने लगाया गंभीर आरोप

रायपुर : चीन-सीमा पर चल रहे विवाद के बीच भाजपा और कांग्रेस पार्टियों के नेता विरोधी दल के नेताओं को घेरने में पीछे नहीं हट रहे हैं. दोनों पार्टियों के नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है. इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक प्रेसवार्ता में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बड़ा आरोप लगाया है. भूपेश बघेल ने सवाल पूछा है कि- ‘चीनी कंपनियों ने PM केयर फंड में करोड़ों रुपया दान में दिया है, क्या उसी पैसे की वजह से प्रधानमंत्री चीन पर कार्रवाई करने से परहेज कर रहे हैं?’

PM ने चीन का नाम क्यों नहीं लिया

मुख्यमंत्री ने पूछा है कि आखिर क्या वो गुप्त समझौता है, जिसकी वजह से आज मन की बात में में प्रधानमंत्री ने एक बार भी चीन का नाम नहीं लिया. मुख्यमंत्री ने अपने आरोप के दौरान बकायदा उन चीनी कंपनियों और उनसे मिले करोड़ों रुपये की रकम का भी जिक्र किया, जो प्रधानमंत्री केयर फंड में दिये गये. मुख्यमंत्री ने आज पत्रकारों से बातचीत में कहा कि चीन के मुद्दे पर रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री ने स्वीकार किया था कि चीनी सेना भारतीय सीमा में घुस आई थी, लेकिन प्रधानमंत्री इन बातों का खंडन कर रहे हैं. सभी की बातों में भारी विरोधाभाष है. चीन क्या भारतीय सीमा में घुसा है ?…क्या उसने कब्जा किया है ? इस पर जवाब देने के बजाय कांग्रेस पर ही भाजपा आरोप लगने लगती है.

दान का बड़ा अंश अलग-अलग चीनी कंपनियों का

इस दौरान सीएम भूपेश बघेल ने सवाल पूछते हुए कहा है कि- आखिर झूठ कौन बोल रहा है, रक्षा मंत्री, विदेश मंत्री या फिर प्रधानमंत्री? मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी तक प्रधानमंत्री केयर का ना तो आडिट कराया गया है और ना ही ये बताया गया है कि फंड में कितने करोड़ रुपये जमा हुए हैं. लेकिन जानकारी के मुताबिक पीएम केयर फंड में 9678 करोड़ की राशि जमा हुई है, जिसमें दान का बड़ा अंश अलग-अलग चीनी कंपनियों का भी है.

चीनी कंपनियों के डोनेशन के आंकड़े 150 करोड़ के लगभग

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जो आंकड़े चीनी कंपनियों के डोनेशन का दिया है, वो करीब 150 करोड़ का है. उन्होंने सीधा आरोप लगाया है कि जिस तरह से चीनी सेना भारतीय सीमा में घुसी, कब्जा किया और निर्माण कार्य किया. इस दौरान 20 जवान की शहादत भी हुई, उसके बाद प्रधानमंत्री मौन रहे. ये संदेह पैदा करती है. उन्होंने सवाल पूछा कि इन चीनी कंपनियों से आखिर क्यों डोनेशन लिया गया. क्या इन्ही पैसों के बदले तो सीमा पर गुप्त समझौता नहीं हो गया ?

सीमा में वास्तविक स्थिति की जानकारी प्रधानमंत्री को करनी चाहिये सार्वजनिक

सीएम भूपेश बघेल ने कहा है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर कांग्रेस हमेशा से सवाल उठाती रही है और हमेशा सवाल पूछती रही है, लेकिन जब भी राहुल गांधी या कांग्रेस पार्टी सवाल पूछती है तो भाजपा असल मुद्दों को भटकाने लगती है. उन्हें इस बात का जवाब देना चाहिये कि आखिर चीन को लेकर प्रधानमंत्री का नरम रूख क्यों है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार से कहा है कि प्रधानमंत्री केयर फंड में चीनी कंपनियों के डोनेशन और सीमा में वास्तविक स्थिति की जानकारी प्रधानमंत्री को सार्वजनिक करनी चाहिये.

राजीव गांधी फाउंडेशन पर आरोप बेबुनियाद

सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि कांग्रेस के सवालों से बचने भाजपा मामलों को डायवर्ट करती है. राजीव गांधी फाउंडेशन पर आरोप बेबुनियाद हैं, जवाब देना छोड़ भाजपा उल्टे कांग्रेस से सवाल करती है. वहीं सीएम शिवराज द्वारा जवानों के अपमान करने वाले बयान पर सीएम ने कहा कि प्राणों की कीमत पैसों से नहीं होती, भाजपा ने हमेशा शहीदों का अपमान किया.

भाजपा ने लगाया था कांग्रेस पर चीन से सांठ-गांठ का आरोप

बता दें इसके पहले मध्यप्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने कहा था कि कमलनाथ ने गांधी परिवार और कांग्रेस को फायदा पहुंचाने के लिए चीन से सांठगांठ की. चीनी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए देश और प्रदेश के छोटे कारीगरों, कारोबारियों की रोजी-रोटी छीन ली. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का यह कृत्य देश के प्रति अपराध और गद्दारी है. उनके इस खुलासे के बाद अब कांग्रेस में हलचल मच गई है.

गौरतलब है कि राजीव गांधी फाउंडेशन की नींव 21 जून 1991 को सोनिया गांधी ने रखी थी. सोनिया गाँधी इस फाउंडेशन की चेयरपर्सन हैं. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अलावा राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और पी. चिदंबरम ट्रस्टी हैं. केन्द्रीय क़ानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने ये खुलासा किया था कि राजीव गाँधी फाउंडेशन को चीन की एम्बेसी से डोनेशन मिला था, जिसके बाद सियासी पारा चढ़ गया. नड्डा ने 2005-2006 और 2007-2008 में राजीव गांधी फाउंडेशन को दान देने वालों की लिस्ट शेयर की हैं, इनमें प्रधानमंत्री नेशनल रिलीफ फंड का भी नाम है.

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