DISPUTE | पशुपालन विभाग के एक आदेश पर विवाद हुआ खड़ा, अनुपयोगी सांडों की नसबंदी का आदेश किया जारी, सासंद प्रज्ञा ने जतायी आपत्ति

भोपाल: राज्य सरकार के पशुपालन विभाग के एक आदेश पर विवाद खड़ा हो गया है। सभी कलेक्टरों को पत्र लिखकर कहा गया है कि गांवाें में जितने भी निकृष्ट (अनुपयोगी) सांड हों, उनकी नसबंदी करें। ये भले ही पशुपालकों के पास हों या गोशालाओं में हों।

विभाग के अपर मुख्य सचिव जेएन कंसोटिया की ओर से जारी पत्र में नसबंदी की वजह प्रदेश में गोवंश की बढ़ती संख्या बताई गई है और कलेक्टरों से कहा है कि वे 23 अक्टूबर से बधियाकरण अभियान चलाएं। सरकारी अनुमान के मुताबिक प्रदेश में ऐसे करीब 12 लाख सांड हैं।

पत्र मिलने के बाद कलेक्टरों ने सीईओ जिला पंचायत और नगर निगम आयुक्तों को अभियान चलाने के निर्देश दे दिए हैं। हालांकि आदेश का विरोध शुरू हो गया है। प्रदेश में पहली बार शुरू हुए इस तरह के अभियान से गोपालकों में तो नाराजगी है हीं, भोपाल की सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर भी इसके खिलाफ मुखर हो गई हैं।

उनका कहना है कि इस तरह तो गोवंश ही खत्म हो जाएगा। उन्होंने मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल और पशुपालन विभाग के अपर मुख्य सचिव जेएन कंसोटिया से बात कर अभियान पर तुरंत रोक लगाने की मांग की है।

निकृष्ट सांडों की पहचान के लिए प्रदेश भर में 15 दिन तक अभियान चलाया गया है, जिसमें 12 लाख सांडों की पहचान की गई है। शुरुआत में 2 लाख सांडों का बधियाकरण किया जा रहा है। सांडों के बधियाकरण कार्यक्रम के तहत 12 करोड़ रुपए खर्च किया जाना है।

News Share
CIN News | Bharat timeline 2023