काॅलेज में फीस भरने के लिए इंजीनियर को करनी पड़ी मनरेगा में मजदूरी, माता-पिता और छोटी बहन भी दे रही है साथ, जाने पूरा मामला

पुरी: 20 साल की युवती अपने सिर पर मिट्टी उठाकर ले जाने का काम कर रही है। एक बारगी आपको यह सामान्य बात लगेगी पर युवती से बात करने पर पता चला कि वह इंजीनियरिंग की छात्रा और और काॅलेज की फीस भरने के लिए मनरेगा में मजदूरी कर रही है। यह चैकाने वाला मामला पुरी के चैनपुर पंचायत के अंतर्गत गोरादीपीड़ा का है। युवती का नाम रोजी बेहरा है। वह महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत बनने वाली सड़क परियोजना में तीन सप्ताह से काम कर रही है। वह अपने काॅलेज में 24,500 रुपये की राशि जमा करना चाहती है ताकि उसे डिप्लोमा मिल सके।

रोजी ने बताया कि वह 2019 में सिविल इंजीनियरिंग में अपना डिप्लोमा पूरा कर चुकी हैं। स्नातक डिग्री के लिए फंड नहीं जुटा पा रही हूं क्योंकि डिप्लोमा स्कूल में 24,500 रुपये की राशि जमा करानी है। यही वजह है कि मैं मजदूरी की हूं। रोजी ने बताया कि वह हरिजन हैं और सरकार उनके पढ़ाई का पूरा खर्च उठाती है। पर हाॅस्टल और बस की फीस हमें खुद जमा करना होता है। वहीं भरने के लिए मुझे मजदूरी करनी पड़ रही है। मेरे साथ ही मेरी बहनें, दादा और माता-पिता भी मजदूरी करते हैं। 

कॉलेज प्राधिकारियों ने पैसा न जमा करने पर मुझे डिप्लोमा प्रमाणपत्र देने से इंकार कर दिया। विधायक से भी मदद की उम्मीद की थी पर उन्होंने भी हाथ खड़े कर दिए। जिसके बाद मेरे पास मजदूरी के अलावा कोई विकल्प नहीं था। रोजी ने बताया कि दसवीं में अच्छे नंबर होने की वजह से मुझे सरकार की तरफ से छात्रवृत्ति मिली। मुझे बरूनी इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी खोरधा कॉलेज एडमिशन मिल गया।

News Share
CIN News | Bharat timeline 2023