फिक्की (FICCI) छत्तीसगढ़ राज्य परिषद और सैप इंडिया ने संयुक्त रूप से आयोजित किया “ग्लोबल भारत प्रोग्राम- मेकिंग इंडियन एमएसएमई ग्लोबली कंपीटीटिव” विषय पर वेबीनार

  • सैप की तकनीक से विश्व बाजार में एम.एस.एम.ई. (M.S.M.E.) को प्रोत्साहित किया
  • फिक्की के वेबीनार में मार्ग प्रशस्त अब जमेंगे एम.एस.एम.ई. (M.S.M.E.) के पांव

रायपुर: भारतीय लघु, कुटीर और मध्यम उद्योगों – एम.एस.एम.ई. (M.S.M.E.) को वैश्विक बाजार तक पहुँचाने के लिए भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) ने सैप इंडिया के साथ एक महत्वपूर्ण साझेदारी की है। इसके तहत सैप इंडिया के ग्लोबल भारत प्रोग्राम को फिक्की के सदस्यों तक पहुंचाया जाएगा। इस प्रोग्राम से जुड़ने के साथ ही फिक्की सदस्यों की पहुंच विश्व बाजार तक हो जाएगी, उनके कामगारों को समय, काल और परिस्थितियों के हिसाब से सटीक फैसले करने और श्रेष्ठतम उत्पादन के लिए तत्पर रहने का प्रशिक्षण मिलने लगेगा ताकि स्वस्थ-प्रतिस्पर्धी व्यावसायिक माहौल तैयार हो सके। इसके साथ ही सैप के साथ उनकी डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन यात्रा भी शुरू हो सकेगी।

फिक्की का उद्देश्य अपने सदस्यों को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से सैप इंडिया के ग्लोबल भारत प्रोग्राम से जोड़कर एमएसएमई सेक्टर को डिजिटल प्रौद्योगिकी से लैस करना है ताकि वे अपने उत्पादों के लिए प्रभावी बाजार तैयार कर सकें और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी कारोबार कर सकें।

इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि आज कर्मचारियों को डिजिटल प्रशिक्षण दिये जाने की अत्यंत आवश्यकता है और यही कारण है कि सैप इंडिया ने डिजिटल फाइनेंसियल, सॉफ्ट स्किल, प्रोडक्टिविटी टेक्नोलॉजी जैसे उपक्रमों से संबंधित 240 पाठ्यक्रम चला रखे हैं, जो फिक्की सदस्यों के लिए एक सुनहरा अवसर है। यह सिस्टम एक ऐप के माध्यम से एंड्रायड स्मार्टफोन पर उपलब्ध है, जो कर्मचारियों को एक नई कार्यशैली अपनाने के लिए प्रेरित करेगा।

कोविड-19 महामारी ने व्यावसायिक कार्यकलापों को बुरी तरह प्रभावित किया है और बाजार में अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए विभिन्न संगठनों को नई तकनीक अपनाने के लिए विवश किया है। सैप के साथ सहयोग और उसके ग्लोबल भारत प्रोग्राम को अपने सदस्यों के लिए लाने का हमारा मुख्य मकसद यही है कि संकट के इस काल में वे बाजार में अपने पांव अंगद की तरह जमाए रखें। हमें विश्वास है कि यह पहल भारतीय एमएसएमई को डिजिटल रूप से मजबूत करेगी और विश्व बाजार में उनके सफलतापूर्वक प्रवेश में साथी बनेगी।


प्रदीप टंडन, चेयरमैन, फिक्की छत्तीसगढ़ राज्य परिषद

सैप इंडिया ने नासकॉम फाउंडेशन, यूनाइटेड नेशंस डेवलपमेंट प्रोग्राम और प्रथम इन्फोटेक फाउंडेशन के सहयोग से ग्लोबल भारत प्रोग्राम भारतीय एमएसएमई को विश्व बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए लांच किया है।
भारतीय एमएसएमई को विश्व बाजार में प्रवेश दिला कर सैप इंडिया का यह कार्यक्रम आत्मनिर्भर भारत के सपनों को भी साकार करेगा। एमएसएमई को “बी2बी प्लेटफॉर्म-सैप अरिबा डिस्कवरी” पर खुला अवसर मिलेगा ताकि वे ग्राहकों की जरूरतों को समझ सकें और उनके अनुरूप वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति कर सकें।


लघु, कुटीर एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में इन उद्योगों की हिस्सेदारी 29 प्रतिशत है, जिसका निरंतर बढ़ना हमारे लिए उत्साहवर्धक है। सरकार ने आत्मनिर्भर भारत का जो सपना देखा है, उसे साकार करने में एमएसएमई की केंद्रीय भूमिका निश्चित है। व्यवसाय प्रबंधन क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाला सिस्टम सैप, एमएसएमई के विकास में नींव के पत्थर जैसी भूमिका निभा रहा है। देश के 80 प्रतिशत एमएसएमई, सैप के ग्राहक हैं और जिनको विश्व प्रतिस्पर्धा के योग्य बनाने के लिए सैप ने “ग्लोबल भारत” नामक पहल की है। – सुश्री तान्या श्रीवास्तव, स्ट्रेटिजिक प्रोग्राम लीड, सैप इंडिया

फिक्की छत्तीसगढ़ राज्य परिषद और सैप इंडिया ने संयुक्त रूप से कल देर शाम “ग्लोबल भारत प्रोग्राम- मेकिंग इंडियन एमएसएमई ग्लोबली कंपीटीटिव” विषय पर वेबीनार का आयोजन किया, जिसमें फिक्की छत्तीसगढ़ राज्य परिषद के चेयरमैन प्रदीप टंडन, सैप इंडिया की स्ट्रेटिजिक प्रोग्राम लीड तान्या श्रीवास्तव, भारत सरकार में एमएसएमई विभाग के निदेशक राजीव नायर, फिक्की छत्तीसगढ़ राज्य परिषद के सदस्य विक्रम जैन, मध्य प्रदेश लघु उद्योग संघ के अध्यक्ष अरुण जैन आदि उपस्थित थे। फिक्की छत्तीसगढ़ राज्य परिषद द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में देश भर से सौ से अधिक प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।

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