BILASPUR | जीभ में स्वाद नहीं, गले में खराश होने पर मां-बेटी ने खाया जहर, एक की मौत

बिलासपुर: मकान के बाहर कुत्ता काफी देर से भौंक रहा था। घर के उपरी हिस्से में काम कर रहे मजदूरों को इस का बात का शक हुआ कि आखिर मकान से बाहर क्यों कोई नहीं निकल रहा है। ठेकेदार भी आवाज देकर थक गया। मकान में रहने वाली महिला को फोन करने पर उसने फोन भी नहीं उठाया। आखिरकार पुलिस को इत्तला दी गयी और जब दरवाजा खोला गया तो अंदर महिला और उसकी बेटी की चित्त अवस्था में मिले।

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार सोनगंगा कॉलोनी में रहने वाली महिला का नाम सकुन वर्मा है, जिसे डाॅक्टरों ने मृत घोषित कर दिया है, वहीं उसकी बेटी श्वेता वर्मा की हालत गंभीर बनी हुई है। दोनों महिलााओं ने चूहे मारने की दवाई का सेवन किया था। श्वेता ने दो पत्र लिखे हैं, पहला सुसाइड नोट है और दूसरा मकान मालिक के नाम है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार महिला के पति का देहांत हो चुका है, उनकी पेंशन से ही घर चलता था। उनका बेटा सचिन बाहर रहता है।

सुसाइड नोट में श्वेता ने लिखा कि उनके जीभ में कोई स्वाद नहीं है, लंबे समय से गले में खराश है और वह स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों से परेशान हो गए हैं। इसलिए वह जहर खाकर अपनी जान ले रहे हैं। चूंकि उनके कुत्ते की देखभाल करने वाला कोई नहीं है इसलिए उसे भी वह जहर दे रहे हैं। मकान मालिक बेहद सज्जन चक्रवर्ती हैं, उन्हें किसी भी बात के लिए परेशान नहीं किया जाए। यदि वह जहर से नहीं मरते तो भी उन्हें बचाने का प्रयास न किया जाए क्योंकि उनकी जीने की इच्छा खत्म हो गयी है। हमारे शव को लावारिस समझकर अंतिम संस्कार कर दें और सामान को किसी को भी दे दें।

दूसरा पत्र उन्होंने मकान मालिक संजय चक्रवर्ती के नाम लिखा है- संजय जी हम आपके मकान में अपनों की तरह रहे। आपके जैसा मकान मालिक हर किसी को मिले। हमने जो आपको एडवांस दिया था। उसे ही किराया समझ लें। जाने अनजाने में यदि हमसे कोई गलती हुई हो तो हमें क्षमा कर दें।

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