Bilaspur | संचार क्रांति योजना में अनियमितता का लगा आरोप, 12 लाख का न टावर लगा न ही 480 लोगों को मोबाइल बंटे, कोर्ट ने सरकार ने मांगा जवाब

बिलासपुर: उच्च न्यायालय में संचार क्रांति योजना की गड़बड़ी के मामले में एक जनहित याचिका दायर की गयी है। जिस पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने राज्य सरकार ने दो सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा है।

क्या है मामला
जांजगीर के बलोदा निवासी परमानंद राठौर ने जनहित याचिका लगाते हुए बताया है कि डिजिटल इंडिया अभियान के तहत शासन की संचार क्रांति योजना के अंतर्गत बलोदा के गांव नवागवां में 12 लाख की लागत से टावर और 480 लोगों को मोबाइल मिलना था। सरकार की ओर से सारे मोबाइल ग्राम पंचायत में भिजवा दिए गए थे।

मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचालयत बलोदा ने वितरण कराने की बात कहकर सारे फोन अपने पास मंगा लिए। जब कई दिनों तक वितरण शुरू नहीं किया गया तो इसकी शिकायत सरपंच, जनपद और यहां तक की जिला कलेक्टर तक से की गयी लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हुई। बाद में यह कहकर बात टाल दिया गया कि नेटवर्क कमजोर होने की वजह से टावर नहीं लगेंगे। इसलिए मोबाइल बांटने का भी औचित्य नहीं है।

याचिका में यह भी बताया गया है कि नेटवर्क के लिए पहले ही सर्वे करा लिया गया था, कनेक्टिविटी की जांच भी की गयी। जिसके बाद यह योजना गांव के लिए जारी की गयी। ऐसे में टावर का न बनना और मोबाइल का न वितरित होना अनियमितता की ओर इशारा करता है। इस प्रकरण की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस पीआर रामचंद्र मेनन और जस्टिस पीपी साहू ने सरकार से दो सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है।

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