RAIPUR | लघु वनोपज संघ के MD संजय शुक्ला को जल्द ही वन विभाग की कमान सौंपी जाएगी, राकेश चतुर्वेदी की होगी विदाई

रायपुर: लघु वनोपज संघ के एमडी संजय शुक्ला को जल्द ही वन विभाग की कमान सौंपे जाने की खबर आ रही है। राजधानी में चर्चाएं तेज हैं, पीसीसीएफ राकेश चतुर्वेदी वीआरएस लेंगे और उनकी जगह पर संजय की ताजपोशी की जाएगी। 85 बैच के आईएफएस राकेश चतुर्वेदी को सरकार ने 2019 में मुदित कुमार को हटाकर उन्हें पीसीसीएफ अपाइंट किया था। वन विभाग के प्रमुख के तौर पर वे तीन साल पूरे किए हैं।

राकेश चतुर्वेदी का रिटायरमेंट सितंबर में है। चर्चा है, बजट सत्र के बाद वे किसी भी दिन वीआरएस की अर्जी लगा देंगे। दरअसल, संजय शुक्ला का अगले साल 31 अगस्त को रिटायरमेंट है। राकेश अगर रुटीन में सितंबर में रिटायर होंगे तो संजय को मात्र 11 महीने पीसीसीएफ रहने का मौका मिल पाएगा। संजय अगर अभी पीसीसीएफ बन जाएंगे तो उन्हें करीब डेढ़ साल का टाईम मिलेगा, जो पीसीसीएफ जैसे शीर्ष पद के लिए ठीक-ठाक होगा।

राकेश तीन साल की पारी खेल कर वापिस लौटेंगे…सरकार से उनके रिश्ते अच्छे र्हैं। माटी पुत्र भी हैं। लिहाजा, वन विभाग से उनकी सम्मानजनक विदाई होगी। अटकलें है, उन्हें छत्तीसगढ़ पौल्यूशन बोर्ड का चेयरमैन बनाया जा सकता है। हालांकि, वे बायोडायवर्सिटी बोर्ड के चेयरमैन भी हैं। कुछ लोग बायोडायवर्सिटी की भी बात कर रहे हैं। मगर राकेश चतुर्वेदी जैसे डायनेमिक अफसर के लिए बायोडायवर्सिटी में कुछ करने के लिए रहेगा नहीं। हालांकि, कुछ लोग सीएसआईडीसी की भी अटकलें लगा रहे हैं। मगर पलडा पौल्यूशन बोर्ड का भारी दिख रहा है। पौल्यूशन बोर्ड के चेयरमैन के लिए इंजीनियरिंग बैकग्राउंड का होना जरूरी है। राकेश चतुर्वेदी रायपुर इंजीनियरिग कालेज से बीई किए हैं। उसके बाद वे आईएफएस सलेक्ट हुए। अगर राकेश चतुर्वेदी पौल्यूशन बोर्ड के चेयरमैन बनते हैं तो वीआरएस या रिटायरमेंट के बाद इस पद पर बैठने वाले वे पहले अफसर होंगे।

उधर, संजय 87 बैच के आईएफएस हैं। उन्हें रिजल्ट देने वाला अफसर माना जाता है। लंबे समय तक उन्होंने वन विभाग के बाहर राज्य सरकार में सेवाएं दी हैं। हाउसिंग बोर्ड के वे कमिश्नर रहे। उसके बाद आवास पर्यावरण के सिकरेट्री भी रहे। लघु वनोपज संघ के एमडी की कमान संभालने के बाद उन्होंने पूरे सिस्टम को रिचार्ज कर दिया है। संघ के कार्यक्रमों का विस्तार करने से प्रदेश में 72 हजार महिलाओं को रोजगार मिला है। यहीं नहीं, संघ द्वारा बनाए गए हर्बल प्रोडक्ट की एग्रेसिव मार्केटिंग की जा रही है।

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