प्रवीण सोमानी अपहरण मामले में रायपुर पुलिस को बड़ी सफलता मिली है.उद्योगपति प्रवीण सोमानी को राजधानी पुलिस कुख्यात गिरोह के चंगुल से छुड़ा लाई है. डीजीपी डीएम अवस्थी ने इस ऑपरेशन के संबंध में प्रेस कांफ्रेंस लेकर पूरी जानकारी दी.
रायपुर : राजधानी से अपहृत कारोबारी प्रवीण सोमानी को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से सकुशल छुड़ाने में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। इस मामले में डीजीपी डीएम अवस्थी ने पत्रवार्ता कर मामले से संबंद्धित कई खुलासे किये है।
रायपुर से कारोबारी प्रवीण सोमानी का अहरण का प्लान यूपी या बिहार में नहीं बल्कि गुजरात के सूरत जेल में बना था। उस जेल में जहां अपहरण का कुख्यात आरोपी पप्पू चौधरी अपने साथियों के साथ बंद था। घटना का मास्टर माइंड पप्पू चौधरी था। जानकारी के मुताबिक सूरत जेल में बंद आरोपियों ने प्रवीण के अहरण का प्लान बनाया और इस घटना को अंजाम दिया।
डीजीपी डीएम अवस्थी ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया
प्रवीण सोमानी को सकुशल घर पहुंचा दिया है। 20 सालों में प्रदेश में कई बड़े अपहरण हुए है। जो गिरोह इस अपहरण में संलिप्त था उसने पूरे भारत के कई राज्यों में कई बड़े अपहरण कांड को अंजाम दिया है। व्यापारी के अपहरण के बाद से ही राजधानी पुलिस कार्रवाई में जुट गई थी, काफी धैर्य के साथ पुलिस ने इस घटना में व्यापारी को सकुशल अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छुड़ाया है।
गैंग का मुख्य सरगना पप्पू चौधरी है
अपहरणकर्ता कोंन है यह पता लगाने उत्तर प्रदेश, बिहार, उड़ीसा, हरियाणा, गुजरात में पुलिस के द्वारा सघन सर्चिंग की गई। उस दौरान पता चला को व्यापारी को पटना में रखा गया है। गैंग का मुख्य सरगना पप्पू चौधरी है। व्यापारी देश के सबसे खूंखार अपहरण गिरोह के चंगुल में फंसा था। गिरोह के दो लोग अब पुलिस की गिरफ्त में है। इस काम मे उत्तर प्रदेश पुलिस, बिहार पुलिस ने काफी बढ़िया सहयोग किया गया।
पप्पू चौधरी, का कनेक्शन बिहार बड़े क्रिमनल गैंग से है। इस प्लान में पप्पू के साथ 10 आरोपी शामिल थे, इनमें 4 आरोपी गुजरात के रहने वाले हैं, जबकि 6 आरोपी यूपी-बिहार के हैं।
फिलहाल इस मामले में पुलिस को अभी इस मामले में 2 आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता मिली है, जबकि पप्पू चौधरी सहित 8 आरोपी फरार हैं।
परिजनों से की 50 करोड़ की डिमांड
व्यापारी के परिजनो से अपहरणकर्ताओं ने 50 करोड़ से ज्यादा फिरौती की डिमांड की थी। लेकिन पुलिस ने उन्हें अपने मंसूबे में कामयाब होने से पहले ही धर दबौचा। इसके लिए पुलिस ने 1500 किलोमीटर के छेत्र का तकनीकी विश्लेषण किया। हालांकि अपहरण निहायत ही प्रोफेशनल तरीके से किया गया था। अपहरण में शामिल गाड़ियों के नंबर प्लेट भी फर्जी थे। घटना हेतु आरोपियों द्वारा 100 से अधिक फर्जी मोबाईल नंबरों उपयोग होना भी बताया गया है।अपहरण के पूर्व 3 माह तक रैकी भी की गई थी।
गिरफ्तार आरोपी
- अनिल चैधरी उम्र 32 साल निवासी दोंदेकला थाना विधानसभा रायपुर।
- मुन्ना नाहक निवासी जिला गंजाम उडीसा।
आरोपियों के विरूद्ध थाना धरसींवा में अपराध क्रमांक 19/20 धारा 365, 120बी, 201 भा.द.वि. के तहत् अपराध पंजीबद्ध किया गया है ।