कोरोना वैक्सीन के पहले चरण की शुरुआत, 12 संस्थान में ट्रायल परीक्षण शुरू

नई दिल्ली: केंद्र सरकार के प्रधान वैज्ञानिक केवी राघवन ने शुक्रवार को विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन में बेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना वैक्सीन के कठोर ट्रायल प्रक्रिया में किसी तरह का समझौता नहीं किया जा सकता। इसके ट्रायल के पहले चरण की शुरुआत हो चुकी है। एक साथ 12 संस्थानों में ट्रायल परीक्षणों की शुरुआत की गई है।

10 जुलाई को पहले ट्रायल परीक्षण की शुरुआत

उन्होंने कहा कि वैक्सीन के पहले चरण में 28 दिन सामान्य तौर से लगते हैं। उसके बाद दूसरे चरण की जांच होती है। भारत की दवा नियंत्रक में भारत बायोटेक के साथ के Zydus cadila की वैक्सीन के ट्रायल की अनुमति दी है। इस वैक्सीन को कठोर ट्रायल प्रक्रिया से गुजरना होगा 15 अगस्त तक वैक्सीन लांच करने के उद्देश्य से आईसीएमआर ने इसके लिए चुने गए संस्थानों को पत्र लिखकर जांच में तेजी करने को कहा है। 10 जुलाई को इसके पहले चरण की शुरुआत की गई है। यह सभी 12 संस्थानों में एक साथ शुरू किया गया है।

15 अगस्त तक वैक्सिंग लाने के आईसीएमआर के दावे पर कई विशेषज्ञों ने सवाल उठाए थे। इसके बाद आईसीएमआर को सफाई देनी पड़ी थी। इसके लिए उन्होंने ट्रायल परीक्षण के जांच में सभी 12 संस्थानों में तेजी लाने को कहा है ।

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