मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को चिट्ठी लिखकर रमनसिंह मात्र विपक्ष की भूमिका निभाने की औपचारिकता पूरी कर रहे – मोहन मरकाम

रायपुर: रमन सिंह के पत्र का जवाब देते हुए कांग्रेस ने अध्यादेश को किसानों की जमीनी हकीकत से दूर बताया है। कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं कि केंद्र ने किसानों की आय दुगना करने का वादा किया था लेकिन आय दुगना करने की बजाय वर्तमान में प्रचलित कृषि उपज की क्रय विक्रय व्यवस्था पर आघात करने का प्रयास क्यों किया गया है ?

भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमन सिंह द्वारा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखे जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि डॉ रमन सिंह छत्तीसगढ़ की जमीनी हकीकत से अब पूरी तरह से कट चुके हैं । छत्तीसगढ़ के किसानों छत्तीसगढ़ के मजदूरों छत्तीसगढ़ के गरीबों और आम आदमियों से रमन सिंह का कोई सरोकार नहीं रह गया है। छत्तीसगढ़ धान का कटोरा है और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार धान उगाने वाले किसानों को आसपास के किसी भी अन्य राज्य की तुलना में ज्यादा दाम 25 सौ रुपए प्रति क्विंटल दे रही है। रमन सिंह की पार्टी भाजपा ने इस में भी विघ्नबाधा डालने की पूरी कोशिश की लेकिन रमन सिंह को इसमें सफलता नहीं मिली।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने रमनसिंह से पूछा है कि जब छत्तीसगढ़ में किसानों को अच्छा दाम मिल रहा है तो छत्तीसगढ़ का किसान अन्य प्रांतों में अपना धान बेचने क्यों जाएगा ? दरअसल डॉ रमन सिंह जमीनी हकीकत से पूरी तरह से कट चुके हैं। उन्हें छत्तीसगढ़ के किसानों के संदर्भ में सही जानकारी नहीं है। छतीसगढ़ का किसान अपने प्रदेश में उचित कीमत पर धान बेचता है वह खुले बाजार में क्यों जाएगा।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि अगर रमन सिंह वाकई में किसानों का भला चाहते तो उन्होंने अपने शासनकाल में किसानों को धान का ₹2100 दाम और ₹300 बोनस इमानदारी से दिया होता । रमनसिंह वह नहीं कर पाए तो कम से कम कांग्रेस सरकार के 2500 देने के महायज्ञ में सहयोगी की भूमिका तो निभाई होती। रमन सिंह ने वह भी नहीं किया और किसानों को 2500₹ धान का दाम देने में विघ्नबाधा डालने का काम किया। अब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को चिट्ठी लिखकर रमनसिंह मात्र विपक्ष की भूमिका निभाने की औपचारिकता पूरी कर रहे हैं । रमन सिंह, मोदी की गलत नीतियों का भी समर्थन कर रहे हैं। रमनसिंह का छत्तीसगढ़ की जमीनी हकीकत से कोई लेना देना नहीं है । रमनसिंह को छत्तीसगढ़ के किसानों, मजदूरों और गरीबों से न कोई सरोकार 15 साल था न अब है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी किसानों को व्यापारियों के हाथों सौंपना चाहती है। इस अध्यादेश से मंडीयों का अस्तित्व खतरे में आ जाएगा।

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